मीडिया का कैमरा चलते ही अल्पसंख्यक अधिकारी के बाबू ने लौटाई 5000 रुपये की रिश्वत

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ATREY1फर्रुखाबाद: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हमारी बेटी उसका कल योजना” की चेक बाउंस की खबर सबसे पहले केवल जेएनआई पर छपने के बाद पीडितो में उत्साह आ गया है| पीड़ित बेटी गुलफ्शा ने अपने दो परिजनों के साथ मीडिया के कैमरों की जद में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बाबू को दूंढ़ निकाला| गाँधी जयंती के दिन बाबू ने दफ्तर खोल रिश्वत के लिए 5000 रुपये वापस कर दिए| मीडिया के हाथ पैर भी खबर कमजोर करने के लिए जोड़े| फ़िलहाल गरीब विकलांग बेटी गुलफ्शा को अपने तहसील दिवस में दी गयी शिकायत का आधा न्याय तो मीडिया ने दिलवा दिया है| बाउंस चेक दुबारा सक्रिय बनाने का काम अफसरों को करना है उस पर जंग अभी बाकी है|
ATREY1बुधवार 2 अक्टूबर गाँधी जयंती का दिन जब सब दफ्तर कार्यक्रम मनाकर घर को जा चुके थे| अल्पसंख्यक समाज कल्याण विभाग का बाबू अत्रेय राठौर दफ्तर खोल रिश्वत लेने की माफ़ी मांग रहा था| अलमारी खोल अपनी सफाई पेश कर रहा था| मीडिया के  कैमरे ये सब लगातार कैद कर रहे थे| गुलफ्शा को जेएनआई पर खबर छपने के काफी बल बाद मिला था|

ATREY1दो दिन से निराश घूम रही उस बेटी की आँखों में आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे| मगर अब वो बाबू जेएनआई टीम के शिकंजे में आ चुका था| रिश्वतखोर और घूसखोरो के खिलाफ जे एन आई की जंग कितने ही बड़े अफसर या मंत्री के खिलाफ हो कभी बंद नहीं हुई| अत्रेय राठौर बार बार पत्रकार से कैमरा बंद कर लेने की मनुहार कर रहा था| वो बार बार कह रहा था कि भाई- तुम भी मिलने जुलने वाले हो किसी तरह मामला निपटा लो| अत्रेय राठोर बार इशारे इशारे में पत्रकार को भी घूस देने की पेशकश कर रहा था| मगर हमारा मकसद किसी को इन्साफ दिलाना था| आखिर कार गुलफ्शा को रिश्वत के दिए हुए 5000 रुपये अत्रेय ने वापस कर दिए| मंगलवार को गुलफशा ने तहसील दिवस में इस मसले पर शिकायत पंजीकृत करायी थी जिसे केवल जेएनआई ने प्रमुखता से छापा था|
पढ़े- सरकार की हो रही बदनामी- “हमारी बेटी उसका कल” योजना की हो रही चेक बाउन्स
हमने गुलफशा को किया हुआ एक वादा पूरा कर दिया| अब उसकी चेक को दुबारा सक्रिय करवा कर उसका हक़ दिलवाना रह गया है| जिसके लिए भी जे एन आई हर एक पीड़ित के साथ खड़ा है| पंजाब नेशनल बैंक की जिस शाखा में गुलफ्शा का चेक बाउंस हुआ उस मेनेजर तक भी जे एन आई ने पहुचने का वादा किया है| आखिर इस शाखा में बैंक की लापरवाही से ११ लडकियों की चेक बाउंस हुई है| लगता है है कि बैंक वाला भी रिश्वत की तलाश में था|

गुलफशा के चेहरे पर लौटी मुस्कान-

रिश्वत की रकम वापस मिलने के बाद गुलफ्शा बहुत खुश हो गयी| उसे उम्मीद जगी है कि अभी कोई तो है जो उसकी मदद कर सकता है| उसे उम्मीद है कि प्रशासन उसकी बाउंस चेक को दुबारा बहाल करने का प्रयास जरुर करेगा|
विशेष- इस ऑपरेशन का पूरा विडियो जल्द ही पाठको को देखने को मिलेगा|