भाजपा में टिकेट का दंगल: मुकेश राजपूत को आशंका- सुशील शाक्य करेंगे भितरघात

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Mukesh Susheelफर्रुखाबाद: खबर भाजपा की है मगर बसपा सपा और कांग्रेसियो के लिए भी महत्वपूर्ण है| जब सभी घोषित प्रत्याशी भाजपा की टिकेट की घोषणा का इन्तजार कर रहे है तब उन सबके लिए ये खबर खाने से पहले पटियाला पैक का काम करने वाली है| उधर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मोदी की वजह से माहौल गरम है तो जिले में भाजपा में माहौल आपस में ही सर फुट्टवल से गर्मी बनी हुई है| बात चुनाव जीत हार की नहीं अभी तो टिकेट पर ही बाजी अटकी है| कोई बाहर से आकर सजातियो के यहाँ दौरे पर दौरे कर रात सजातियो के यहाँ गुजार रहे है तो कोई आश्रम में ही डेरा डाले है| कोई लखनऊ से आकर धडकने बढ़ा जाता है तो कोई समाजसेवा से अपना माहौल बना रहा है| इसी बीच फेसबुक पर नियमित अपनी फोटो बदल बदल कर माहौल बनाने वाले नेता और सजातियो को दावत देकर माहौल बनाने वाले नेता जी भिड़ते नजर आ रहे है| अब इसका फायदा किसे किसे मिलेगा आंकड़े खुद लगाये और अपने अपने समर्थक नेता का दिल बहलाए| पढ़िये क्या हुआ है-

जुलाई माह में जे एन आई पर एक खबर छपी थी कि शमसाबाद में सेक्टर प्रमुखों की एक मीटिंग हुई उसमे दाल बाटी का इंतजाम हुआ और चुनावी चर्चा हुई| ये मीटिंग गोपनीय थी मगर जे एन आई के खोजी इसे निकाल लाये और इसे खंडन मंडन करने की कोई हिम्मत नहीं कर सका| इसके बाद भाजपा के मुकेश राजपूत खेमे में खलबली मची और ये कहा गया कि ये गोपनीय मीटिंग सुशील शाक्य ने मुकेश राजपूत की टिकेट का विरोध करने और अपने लिए माहौल बनाने को बुलाई थी| इसके बाद मुकेश राजपूत ने प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को 11 अगस्त को एक पत्र लिखा जिसमे सुशील शाक्य के कृत्यों के बारे में लिखा गया| शिकायत पत्र में लिखा कि सुशील शाक्य जिले के 27 मंडलों में से 24 मंडल अध्यक्षों को लामबंद कर चुके है और जिलाध्यक्ष को हटाने के लिए कोई योजना तैयार कर रहे है| मुकेश के हिसाब से ये मंडल अध्यक्ष सुशील शाक्य के कहने पर चलते है| इन्हें हटाया जाए| इसी के साथ मुकेश लिखते है कि चुनाव में सुशील शाक्य ईमानदारी से काम नहीं करेंगे ऐसी आशंका है| आरोप लगाया है कि सुशील शाक्य पार्टी के साथ भितरघात करते है और करते रहे है| उनकी जमानत भी 2002, 2007 और 2012 में जब्त हो चुकी है| अंत में प्रदेश अध्यक्ष से आवश्यक कार्यवाही के लिए लिखते है|

इस पत्र के आधार पर जेएनआई ने जब पूर्व विधायक सुशील शाक्य का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि पहले तो उनकी (मुकेश राजपूत) जानकारी कम है| उनके किसी भी चुनाव में आज तक जमानत नहीं जब्त हुई| दूसरी बात अगर जिले के 27 में से 24 मंडल अध्यक्ष मेरे साथ है या मेरे प्रभाव में है तो ऐसे हालात में मुकेश को तो टिकेट ही नहीं मांगना चाहिए|

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अब शिकवा शिकायत कानाफूसी से नहीं लिखा पढ़ी में हो रहा है| सुशील के समर्थक कहते है कि अगर सुशील शाक्य को टिकेट मिला तो मुकेश राजपूत का विरोध कुछ नहीं कर पायेगा क्योंकि लोधी समाज के नेता कल्याण सिंह है और मोदी की सरकार में केंद्र में कल्याण सिंह मंत्री बनेगे यह भी तय है| ऐसे में लोधी समाज कल्याण सिंह के नाम पर वोट देगा न कि मुकेश के नाम पर| रही बात शाक्य समाज की तो इस समाज के नेता तो खुद सुशील शाक्य ही है| अब इसका मतलब क्या है आप खुद निकालिए| अपने अपने हिसाब से निकालिए| जितना चाहे निकालिए| कुछ यहाँ कमेंट में लिख दीजिये, कुछ फेसबुक पर डालिए और बचे तो एक दूसरे को मोबाइल पर बताइए|