फर्रूखाबाद: विगत 10 मई को ही JNI ने बेसिक शिक्षा विभाग में 20 फर्जी अनुदेशकों की भर्ती का समाचार छपा था| परन्तु तब चापलूस और भ्रष्ट कर्मचारियों के चंगुल में फंसे बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने इस ओर ध्यान नहीं दिया| अब कुछ नियुक्ति पत्रों पर बीएसए के हस्ताक्षर फर्जी होने का मामला प्रकाश में आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है| सोमवार को प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण शुक्ला ने बताया की अभी तक लगभग एक दर्जन प्रकरण प्रकाश में आ गए हैं| जांच अभी जारी है|
बताते हैं कि पूरा कारनामा बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल के एक मुंह लगे कर्मचारी की कारस्तानी का है| एक भुक्तभोगी अभ्यर्थी ने बताया कि उससे नियुक्ति पत्र के लिए 40 हज़ार रूपए वसूले गए थे, अब इसे फर्जी बताया जा रहा है| दरअसल अनुदेशक कि नियुक्ति कम से कम 100 छात्र संख्या वाले स्चूलों में होना था| परन्तु कई कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में अनुदेशकों कि नियुक्ति को देख कर विभागीय अधिकारियों को शक शुरू हुआ, तो छानबीन शुरू हुई| मज़े कि बात तो यह है कि इन नियुक्ति पत्रों पर विभागीय डिस्पैच नंबर तक असली बताया जा रहा है|
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उल्लेखनीय है कि प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार, द्वारा अशंकालिक अनुदेशकों की भर्ती में फर्जीवाडे़ की शिकायत मिलने से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कठोर निर्देश जारी किये थे। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी मनमानी से बाज नहीं आये। जिसका नमूना आपके सामने है| जनपद में अशंकालिक अनुदेशकों के रिक्त 366 पदों पर 30 अप्रैल को काउन्सललिंग कराई गई थी, उक्त काउन्सलिंग में 274 अभ्यर्थी उपस्थिति हुए, जिसमें से 222 अभ्यर्थियों को पात्र माना गया। शेष 144 पदों पर पुन: काउन्स्लिंग के लिये 8 मई की तिथि निर्धारित किये जाने की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी वेबसाइट पर डाली थी। इस प्रकार 52 (274-222) अभ्य्र्थियों को अनर्ह (अयोग्य) माना गया। परंतु बाद में इसी वेबसाइट पर बताया गया कि ‘उपस्थिति 274 अभ्यटर्थियो के शैक्षिणिक/प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों का सघन परीक्षण किया गया, जिसमें 50 अभ्य र्थियो के शैक्षिक प्रमाण पत्र शासनादेश में उल्लिखित शैक्षिक योग्ययताओं से मेल नही खा रहे है, जिस कारण उन्हें अनर्ह की सूची में शामिल किया गया है। आखिर वह 2 अभ्यर्थी कौन से थे जिन्हें कतिपय कारणों से अर्ह मान लिया गया। मामला यहीं समाप्तन नहीं हुआ। इसी वेबसाईट पर 8 मई को सूचना दी गयी कि ‘दिनाक 08-05-2013 को आयोजित काउन्सलिंग में 126 के सापेक्ष 106 अभ्यर्थी हुए 30.06.2013 में से उपसिथति हुए’। आखिर आठ दिनों के भीतर ही रिक्तं पदों की संख्यास 144 से घटकर 126 कैसे रह गयी। वोह (144 -126) अर्थात 18 अभ्यर्थी कौन कौन हैं| जाहिर है कि इन बीस (2+18) अभ्य1र्थियों की बैकडोर से नियुक्तिी कर ली गयी।