फर्रुखाबाद: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथों लैपटॉप वितरण के दौरान स्टाक से मुख्य मंत्री के हाथों तक लैपटॉप पहुंचाने के लिये कुल पांच लोगों की पूरी एक ‘चेन’ खड़ी थी। इस चेन में बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल भी स्वंय एक कड़ी थे। परंतु जब अव्यवस्था की बात आयी तो बीएसए को पूरी चेन में से मात्र एक शिक्षक ही दोषी नजर आया, आखिर क्यों।। जेनएआई के पास लैपटॉप वितरण का पूरा वीडियो फुटेज उपलब्ध है। आइये दिखाते हैं कि विडियो में जो कुछ रिकॉर्ड हुआ वो सब कैसे हुआ।
विदित है कि विगत 25 मई को क्रिश्चियन इंटर कालेज ग्राउंड पर आयोजित लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में गलत नंबर का लैपटॉप मुख्यमंत्री को पकड़ा दिये जाने के बाद हुई अव्यवस्था पर अखिलेश यादव के गुस्से की गाज चार वरिष्ठ आधिकारियों पर गिरी थी। कमिश्नर कानपुर को तो तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया था। डीआईओएस फर्रुखाबाद को निलंबित कर दिया गया था, और माध्यामिक शिक्षा सचिव व डीएम फर्रुखाबाद को चेतावनी जारी कर दी गयी थी।
जेएनआई के पास घटनाक्रम को वीडियो फुटेज मौजूद है। इसमें साफ नजर आ रहा है कि वितरण के लिये स्टोरेज प्वाइंट से लेकर अखिलेश यादव के हाथों तक लैपटॉप पहुंचाने के लिये बीच में पांच लोगों की ‘चेन’ थी। इस चेन में शिक्षक संजय तिवारी मुख्यसमंत्री अखिलेश यादव को लैपटॉप पकड़ाते साफ नजर आ रहे हैं। परंतु श्री तिवारी को यह लैपटॉप स्वयं बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल पकड़ाते नजर आ रहे हैं। उनसे पीछे भी एआरसीएस संतोष यादव और उनके बीच एक लेखपाल विवेक पांडेय व एक अन्य शिक्षक कृपाशंकर यादव मौजूद थे।
सवाल यह है कि यदि गलत नंबर का लैपटॉप मुख्यमंत्री के हाथ में पहुंचा तो इसके लिये पूरी चेन और मुख्य रूप से पहली कड़ी जिम्मेदार हुई। परंतु बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल पूरी अव्यवस्था के लिये मात्र एक शिक्षक संजय तिवारी के सर पर ठीकरा फोड़ कर बैठ गये हैं। इतना ही नहीं संजय तिवारी पर कार्यक्रम में अव्यवस्था फैलाने का सुनियोजित षडयंत्र रचने तक का आरोप लगा डाला। एक अन्य शिक्षक गंगेश शुक्ला को तो केवल अनुपस्थित रहने के आरोप में निलंबित कर दिया।
मजे की बात है कि पूरे कार्यक्रम में लगभग दस अध्यालपक अनुपस्थितत थे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। आखिर क्योंर। उल्ले्खनीय है कि बीएसए द्वारा निलंबित किये गये संजय तिवारी ने बीएसए पर निजी खुन्नसवश उसके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। वीडियो फुटेज देखने के बाद संजय तिवारी के आरोपों की काफी हद तक पुष्टि भी होती है।
सवाल कई है| आखिर पहली पंक्ति में लगे लेखपाल इंस्पेक्टर सिंह यादव और शिक्षक पातीराम सिंह कश्यप अखिलेश के नीचे पहुचने पर कहीं
नजर नहीं आये| फिर पिछली पंक्ति के लोगो को खुद बीएसए ने आगे वितरण के लिए बुलाया| क्योंकि मुख्यमंत्री के नीचे पंक्ति के सामने पहुचने पर वितरण चेन में लगे सभी कर्मचारी पिछली पंक्ति के ही दिखाई पड़ रहे है|
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