FARRUKHABAD : थाना नवबगंज के ग्राम परमनगर निवासी किशोरी के चर्चित अपहरण कांड में नया मोड़ आ गया है। किशोरी द्वारा विगत 4 अप्रैल को न्यायालय में दर्ज कराये गये धारा 164 के बयानों से राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव के पुत्र सचिन यादव को लगभग क्लीन चिट दे देने की पुष्टि हो गयी है। उसने बयानों में साफ कहा है कि उसे न तो सचिन ने धमकी दी और न ही अपहरण[bannergarden id=”8″] के दौरान किसी व्यक्ति ने उसके शरीर को गलत इरादे से छूने का प्रयास किया। बयानों में किशोरी ने केवल उसे पुलिस द्वारा सचिन की कोठी से पकड़े जाने की बात कही है। बयानों में इस बात का भी खुलासा नहीं है कि यह ‘सचिन’ वास्तव में कौन है।
विदित है कि एक अप्रैल को किशोरी को उस समय अगवा किया गया था जब वह सुबह शौच के बाद घर लौट रही थी। दूसरे दिन देर रात पुलिस ने उसे बरामद कर लिया था। अगले दिन किशोरी ने आरोप लगाया था कि अपहरण के व्यवसायिक शिक्षा, होमगार्ड एवं पीआरडी राज्यमंत्री नरेंद्र सिंह यादव के पुत्र सचिन की कोठी पर ले जाया गया, जहां पेट्रोल पीने से मना करने पर उसका उत्पीडन किया गया। चार अप्रैल को न्यायालय में बयान के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया था। मंगलवार सुबह किशोरी की हालत बिगड़ गई, उसे सांस लेने में दिक्कत के बाद एंबुलेंस से उसे बरौन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से लोहिया अस्पताल भेजा गया। डॉ.पंकज चौहान ने मेडिकल परीक्षण में किसी विषैले पदार्थ के सेवन अथवा इन्फेक्शन की आशंका व्यक्त की। किशोरी की मां ने बताया कि सोमवार से पुत्री को उल्टियां हो रही थीं। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसी दिन देर रात किशोरी को कानपुर रिफर कर दिया गया था। गुरुवार दोपहर जेएनआई ने किशोरी के परिजनों से वार्ता की तो पता चला कि किशोरी की हालत में अब सुधार है। फिलहाल उसका इलाज एसजीपीजीआर्इ लखनऊ में चल रहा है। एक-दो दिन में वहां से छुट्टी हो जाने की संभावना है।
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मामला राज्यमंत्री के बेटे व प्रदेश के सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी के लोक सभा प्रत्यशी सचिन यादव से जुड़ा होने के कारण मीडिया व राजनैति हलकों में चर्चा का विषय बना रहा। जेएनआई को प्राप्त जानकारी के अनुसार किशोरी ने विगत 4 अप्रैल को जो बयान न्यायालय में वीडियो कैमरे के सामने दर्ज कराये थे उनमें मंत्री पुत्र सचिन यादव को लगभग क्लीन चिट मिल गयी है। किशोरी ने अपहरण के लिये नामजद आरोपियों द्वारा उसे सचिन की कोठी पर लाये जाने व वहीं से पुलिस द्वारा उसे पकड़े जाने की बात तो स्वीकार की है, परंतु सचिन द्वारा उसे धमकी दिये जाने या अपहरण के दौरान किसी भी व्यक्ति द्वारा उसके शरीर को गलत नियत से छूने का प्रयास तक करने की बात से स्पष्ट रूप से इनकार किया है। मजे की बात है कि किशोरी के बयानों के अनुसार उसे पेट्रोल पिलाये जाने की घटना भी सचिन की कोठी पर नहीं हुई। किशोरी ने उसे सचिन की कोठी पर लगभग एक घंटे तक रखे जाने की बात तो स्वीकार की है, परंतु इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह सचिन आखिर कौन है। न वल्दियत है और न ही कोठी का पता दर्ज है।