फर्रुखाबाद: लेखपालो की घूसखोरी और जिला पूर्ती अधिकारी द्वारा तहसील दिवसों की शिकायतों के फर्जी निस्तारण का काला चिटठा जिलाधिकारी को सौपते हुए भ्रष्टाचार को रोकने की मांग की| दो दर्जन आप पार्टी के कार्यकर्ता घ्होस्खोरी के कई पीडितो के साथ कोल्लेक्ट्रेट पर ज्ञापन देने पहुचे| डीएम ने आप पार्टी के कार्यकर्ताओ को उल्टा सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जनता पहले घूस देती है फिर शिकायत करती है| फ़िलहाल मामले की जाँच परंपरागत तरीके से एडीएम कमलेश कुमार को सौप दी है|
बुधवार को लेखपालो द्वारा आय निवास और जाति के प्रमाण पत्रों को जारी करने में वसूली जा रही घूस की शिकायत करने के लिए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कई घूस पीडितो के साथ डीएम दफ्तर पहुचे| कार्यकर्ताओ ने एक दर्जन से अधिक सबूत रिश्वतखोरी के कारण आवेदन निरस्त करने के मामले जिलाधिकारी को सौपे| लेखपाल द्वारा रिश्वत लेकर एक महीने में तीन तीन आय प्रमाण अलग अलग आय के बनाये गए| रिश्वत न देने पर आवेदक के उसके निवास पर न रहने के कारण लगाकर आवेदन निरस्त कर देने के मामले भी सौपे| जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा तहसील दिवसों की शिकायतों का फर्जी निस्तारण का भी पुलिंदा डीएम को सौपा|
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शिकायतों में लेखपाल शिवमंगल सिंह यादव, प्रवेश तोमर, प्रमोद सिंह और विमल प्रकाश आरोप लगाये गए है| इन लेखपालो ने 2000-2000 रुपये की रिश्वत लेकर जनता के प्रमाण पत्र जारी किये| घूस नहीं देने वाले आवास विकास कॉलोनी में मकान मालिक सुधीर कपूर को उनके परिवार सहित उक्त पते पर नहीं रहते दिखा दिया| लेखपाल प्रमोद सिंह पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत के अभाव में एक आवेदक का जाति प्रमाण पत्र तो जारी कर दिया मगर निवास प्रमाण पत्र ख़ारिज कर दिया| जबकि जारी जाति के प्रमाण पत्र में आवेदक का पता तस्दीक खुद तहसीलदार सदर के हस्ताक्षर से हुआ है| भरखा अमृतपुर के लेखपाल शिवमंगल सिंह और नगर क्षेत्र के प्रवेश सिंह तोमर के क्षेत्रो में रहने वाले आवेदको को एक माह में जारी अलग अलग आय के कई प्रमाण पत्रों के लिए अलग अलग रिपोर्ट लगायी गयी|
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जिले में बड़े पैमाने पर एक साथ भ्रष्टाचार की शिकायतों को मय सबूत देख डीएम ने शिकायत कर्ताओ को भी आड़े हाथो लिया| उन्होंने कहा कि पहले तो वे घूस देते है फिर शिकायत करते है| इस पर दोनों पक्षों में गरमा गरम बहस भी हो गयी| एक वकील साहब ने रिश्वत मजबूरी में देना बताया| चार लेखपाल और जिला पूर्ती अधिकारी के खिलाफ सौपे गए सबूतों की जाँच अपर जिलाधिकारी को सौप दी है| ऐसे 1 दर्जन मामले इंटरनेट की रिपोर्ट और प्रमाण पत्रों की संख्या के साथ डीएम को सौपे गए है|
कोई कार्यवाही नहीं होगी?
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओ ने डीएम दफ्तर के बाहर मीडिया से बात करना शुरू किया तो भीड़ जमा हो गयी| जितने मुह उतनी बाते| आम जनता का कहना था कि कुछ नहीं होगा| सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे है| गैंग बनाकर लेखपाल और अफसर जनता को लूटने का खेल खेल रहे है| जाँच उसी को दे दी जाएगी जिनका हिस्सा इस घूस में होता होगा| जैसी अन्य शिकायते कूड़े के ढेर में पड़ी रहती है वैसा ही इसका भी हाल होगा| अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी के लोग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते है| या फिर ये केवल फोटो शेशन की फ़ाइल में टांगने के लिए दिया ज्ञापन बन जायेगा?