फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश में सरकार और उसके प्रशासनिक नुयामंदो को दिल्ली में भ्रष्टाचार के हो रहे खुलासे पर बिलकुल अचम्भा नहीं हो रहा है| कई बार तो टिपण्णी मिल जाती है, जरा यहाँ आकर तो देखो कुछ भी खोदना और ढूँढना नहीं पड़ेगा यहाँ सब कुछ खुला खेल फर्रुखाबादी है तभी तो देश के कर्णधार सरकारी स्कूलों के कई मास्टर नहीं जानते उन्हें बच्चो को पढ़ाना क्या है और मैडम जी स्कूल की वार्षिक पुताई का सफ़ेद सीमेंट हड़प कर चूने से पुताई कराती मिल जाएँगी|
द्रश्य१- स्थान- प्राइमरी पाठशाला निसवी, ग्रामसभा खंडौली ब्लाक राजेपुर जनपद फर्रुखाबाद-
आधा सत्र बीत जाने के बाद भी नहीं मिली किताबे
दोपहर ३ बजे स्कूल इंचार्ज महेश सिंह और शिक्षा मित्र पूजा सोमवंशी लगभग २० बच्चो को घेरे बैठे है| कक्षा १ से ४ तक संचालित इस स्कूल में कुल नामांकित ६५ बच्चो में से आधे से भी कम की उपस्थिति होती है| वर्ष २०१०-११ का दो तिहाई सत्र बीत जाने के बाद भी इन बच्चो के बस्ते में मुफ्त मिलने वाली सभी पुस्तके नहीं पहुची है| मास्टर महेश ने बताया की कक्षा ४ में कुल ४ किताबे मिलती है| जबकि सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार कक्षा ४ में कुल ६ किताबे होनी चाहिए| इन बच्चो में किसी को एक कार्यपुस्तिका तो किसी को कुछ भी नहीं मिला है| ये हाल तब है जब कुल नामांकित बच्चो में ५० प्रतिशत ही उपस्थिति होती है| हालाँकि मुख्यालय के लेखानुसार किताबे तो कबकी आई और बट गयी और ये बात दिल्ली मानव संसाधन मंत्रालय तक पहुच भी गयी है| मगर शायद ये बात दिल्ली तक नहीं पहुची कि बटने वाली किताबो को कौन बीच में हड़प कर गया क्यूंकि दिल्ली तो राजा और राडियाओ के चक्कर में घनचक्कर बनी हुई है, गरीब नौनिहालों कि सुध लेने की फुर्सत उसे कहाँ? मगर सच्चाई ये है कि नौनिहालों के बस्ते तो दिसम्बर माह में भी कई किताबो से आज भी मरहूम है| हाँ गाँव वाले बताते है कि नए डीएम् और एसपी के आने के बाद मास्टरों की उपस्थिति तो स्कूल में बढ़ गयी है मगर बेचारे गाँव वाले नहीं जानते कि उन्हें और क्या क्या सरकार ने भेजा है| अभिवाभाक संघ क्या होता है इसकी जानकारी मास्टर और शिक्षा मित्र नहीं दे सके तो बना कहाँ से होगा|
द्रश्य-२: अपर प्राइमरी विद्यालय चाचुपुर जटपुरा, ब्लाक राजेपुर जनपद फर्रुखाबाद-
सफ़ेद सीमेंट की जगह चुने से हुई पुताई-
शाम ४ बजे स्कूल में वार्षिक पुताई चल रही है| दो पेंटर सड़ासड़ हाथ में ब्रुश किये चूना पोतते दिख गए| हेड मैडम ने जो दिया सो लगा दिया पुताई करने वालो की गलती| उसे क्या मालूम की स्कूल की रंगाई सफ़ेद सीमेंट से किये जाने का प्राविधान है और इसी का पैसा आता है| बेचारे बड़े ही मासूमियत से मैडम की गलती पर पर्दा डालते नजर आये कि बाढ़ ग्रस्त इलाका है यहाँ सीमेंट टिकता नहीं है इसलिए सीमेंट के ऊपर चुना लगा रहे है| मौके पर मौजूद सहायक मैडम अपनी हंसी छुपाने को कपडा मुह पर लगा कैमरे के फ्रेम से बाहर हो गयी|