आइये पहचानें कौन कौन कर रहा है प्रमाणपत्र बनवाने में जेब मजबूत

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फर्रुखाबाद: तहसील कई दिनों से प्रमाणपत्र बनवाने को लेकर दलालों व छात्रों का अखाड़ा बना हुआ है। प्रति दिन सुबह से लेकर शाम तक कुछ गिने चुने ही शब्द मेरा प्रमाणपत्र बन गया, 15 दिन से दौड़ रहे हैं, फार्म गलत भरा है, लेखपाल साहब, कानून गो साहब नहीं आये हैं। सत्यापित कराकर लाइए, पैसे दोगे तभी बनेगा आदि शब्द अगर आप कुछ समय तहसील परिसर में देते हैं तो यह शब्द आपके कानों में पड़ना लाजमी हैं। मजबूर थके हुए चेहरे इस टेबिल से उस टेबिल तक चक्कर मार मार कर खुद धनचक्कर बन गये। लेकिन प्रमाणपत्र का कहीं अता पता नहीं। कइयों के तो फार्म ही गुम कर दिये गये।

समय तकरीबन तीन बजे तहसील परिसर के अंदर हो हल्ला चल रहा था। तभी अचानक किसी की नजर जाली के अंदर फार्म लेकर इधर उधर कर रहे एक व्यक्ति पर पड़ी तो लोग लपक कर उसकी तरफ बढ़े। बोले दलाली कर रहा है। युवक सकपका गया। हिम्मत बांधकर बड़े रुआब से बोला मैं कर्मचारी हूं। लोगों ने पूछा कौन से पद पर कार्य कर रहे हो तो उसने अपने आपको अमीन बताते हुए कहा कि तैनाती कहीं अन्य दूसरी जगह है। हाथ में तकरीबन दो दर्जन से अधिक फार्म पकड़े व्यक्ति कैमरों को देखकर अचानक पुनः कमरे में घुस गया और फार्म तत्काल अंदर रखकर हाथ झाड़ता हुआ निकला और मौके से खिसक गया।

तभी लेखपाल हरेन्द्र सिंह पर लोगों ने आरोप जड़ दिया कि यह व्यक्ति इन्हीं का है और इन्हीं के लिए कार्य कर रहा है। आखिर बाहरी व्यक्ति का तहसील कार्यालय में क्या काम है और दर्जनों फार्म लेकर छात्रों से कानाफूसी का क्या मतलब है इसे आप खुद ही समझ लीजिए।

सीन नम्बर दो-
हाथों में तकरीबन आधा सैकड़ा फार्म पकड़े एक व्यक्ति को छात्रों ने जबर्दस्ती दबोच लिया तो उसने अपना नाम सुरजीत बताया और कहा कि वह नाजिर के यहां काम करता है। यहां प्रमाणपत्रों को बनवाने में मदद कर रहा है। लोगों ने उसके साथ भी खींचातानी कर दी और उस पर भी आरोप लगा दिये। आरोप क्या लगे यह आपको समझाने की आवश्यकता नहीं है। जो व्यक्ति तहसील का कर्मचारी नहीं है वह 50 फार्मों को हाथ में लेकर क्यों घूम रहा है आखिर इसके पीछे उस व्यक्ति का मकसद क्या है।

सीन नम्बर तीन-
दलालों से परेशान छात्रों ने नायब तहसीलदार मोहम्मदाबाद चूड़ामणि का घेराव कर जमकर हंगामा किया और हरेन्द्र सिंह के अलावा कइयों पर पैसे लेकर कार्य करने का आरोप लगा दिया और उनके कक्ष में जमकर हंगामा किया। नायब तहसीलदार से कई छात्र भिड़े रहे। लेकिन छात्रों के इतने प्रयास के बावजूद भी कहीं कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ। आखिर शिकायत किससे करते, तहसीलदार सदर ही मौके से नदारत रहे साथ में उनके सहगिर्द कानून गो गंगा सरन इस समय प्रमाणपत्रों का खासा काम देख रहे हैं। वह भी नदारत रहे। थक हार कर छात्र अपने भाग्य को ही कोसते हुए अपने अपने घरों को लौट गये। इसके अलावा चित्रों के माध्यम से पहचान सकते हैं कि आखिर छात्रों की जेब काटने में तहसील के अंदर कौन-कौन सक्रिय हैं। जिसका ब्लेड दूर दराज से आये छात्रों की जेबें काटने में बखूबी प्रयोग हो रहा है।

इस सम्बंध में एसडीएम सदर भगवानदीन वर्मा ने बताया कि दलालों की जानकारी उनके पास नहीं है। अगर नामजद लोग सामने आ जाये ंतो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। फिलहाल प्रशासन की नजर दलालों पर पड़ी हुई है। पकड़े जाने पर बख्सा नहीं जायेगा।