फर्रुखाबाद, 11 फरवरी, सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये केंद्र सरकार की ओर से लागू मध्याह्न भोजन योजना यहां विभागीय जिला समंवयक नीलू मिश्रा की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के लाख सर पटकने के बावजूद वर्तमान में निलंबित चल रहे तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रामसागर पति त्रिपाठी की कृपा के चलते उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। प्राधिकरण के अपर निदेशक के दौरे में मिली अनियमितताओं के बाद जब श्री त्रिपाठी पर ही बन आयी तो उनको भी मजबूरन एक चिटठी सुश्री मिश्रा के विरुद्ध लिखनी पड़ी।
तमाम लापरवाही के बाबजूद कारवाही नहीं?
स्कूलों में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था को चलाने के लिये जनपद में एक जिला समंवयक का पद है। इस पर नीलू मिश्रा की नियुक्ति विगत कई वर्षों से है। चर्चा है कि एक मंत्री के पीए से रिश्तेदारी की धौंस के चलते नीलू मिश्रा से जनपद में बोलने वाला कोई नहीं है। उनके कागजी दौरों और फर्जी रिपोर्टिंग के चलते अकसर मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को भी जपनपद की सूचनायें समय से नहीं मिल पाती हैं। सुश्री मिश्रा की लापरवाही से आजिज मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के आला अधिकारी कई बार उनके विरुद्ध वेतन काटने आदि की भी कार्रवाई कर चुके हैं। परंतु जनपद स्तर पर उन चिटठियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्राधिकरण के आदेशो को भी मजाक बनाया
हाल ही में मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अपर निदेशक के दौरे में मिली अनियमिततओं के सम्बंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध ही कार्रवाई की नौबत आ गयी तो मजबूरन श्री त्रिपाठी ने उनके विरुद्ध भी एक चिटठी लिख डाली। जिसकी प्रति उन्होंने एहतियातन मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक के अतिरिक्त जिलाधिकारी तक को देना मुनासिब नहीं समझा। जबकि अपर निदेशक ने अपनी रिपोर्ट डीएम को भी भेजी थी। बीएसए कार्यालय के सूत्र तो यहां तक दावा करते हैं कि इस 23 नवंबर की तारीख की चिटठी को काफी बाद में बैक डेट में तैयार किया गया, और केवल फाइल की जीनत बनाकर छोड़ दिया गया।