फर्रुखाबाद:(कमालगंज) बीआरसी के निकट ड्रेसो से भरी मारुती कार बेसिक शिक्षा अधिकारी ने पुलिस को भेज कर पकड़ा दी| जिसके बाद शिक्षा मित्रो ने थाने का घेराव कर लिया| लेकिन पुलिस ने कार नही छोड़ी| पूरे मामले में खंड शिक्षा अधिकारी सुमित वर्मा की भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है| क्योंकि बिना क्षेत्रीय अधिकारी के अनुमति के विधालयो में ड्रेस का वितरण कैसे हो सकता है| यह बी जाँच का विषय है|
कमालगंज बीआरसी में शिक्षा मित्रो की बैठक चल रही थी| जिसमे शामिल होने के लिये शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष ऋषिपाल यादव ने आकर अपनी कार खड़ी कर दी| और बैठक में शामिल होने चले गये| जिसके बाद किसी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह को फोन पर ड्रेस से भरी कार खड़ी होने की सूचना दी| बीएसए की सूचना पर थाना पुलिस ने मौके पर पंहुचकर कार को अपने कब्जे में ले लिया और थाने में ले आये| जिसके बाद ड्रेसो से भरी जिलाध्यक्ष की कार को छुड़ाने के लिये कई दर्जन शिक्षा मित्र थाने आ धमके और थानाध्यक्ष यतेन्द्र यादव पर कार छोड़ने का दबाब बनाया| लेकिन पुलिस ने कार छोड़ने से मना कर दिया| जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पकड़ी गयी रेडीमेड ड्रेस की रिपोर्ट गिनती कराकर बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगी है| किसी भी दोषी को छोड़ा नही जायेगा|
एक वर्ष पूर्व भी पकडी गयी थी जिलाध्यक्ष की कार
विगत वर्ष मोहम्दाबाद विकास खंड में बेसिक शिक्षा अधिकारी योगराज सिंह ने ही ऋषिपाल यादव की गाड़ी रेडीमेड ड्रेसो से भरी हुई पकड़ी थी|लेकिन बाद में सत्ता की हनक के आगे छोड़ दिया गया है| एक माह पूर्व कस्तूरबा गाँधी आवासीय विधालय में रेडीमेड ड्रेस डाली थी| जिसके बाद सभी कस्तूरबा गाँधी विधालयो ने गुणवत्ता पूर्ण ड्रेस ना होने से आपत्ति कर दी थी| लेकिन बाद में खाऊ कमाऊ निति के चलते सब मामला रफा दफा कर दिया गया था|
रेडीमेड ड्रेस वितरण में होगी गुंडा एक्ट की कार्यवाही:डीएम
बीते दिनों तत्कालीन जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने मिडिया में वयान जारी करते हुये कहा था कि यदि रेडीमेड ड्रेस का वितरण पाया गया तो उस व्यक्ति के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्यवाही की जायेगी| देखना यह है कि वर्तमान डीएम पूर्व में दिये गये आदेश का कितना निर्वाहन करते है यह देखने की बात है|