सिपाही भर्ती में नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक

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high court allahabadलखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से आज करारा झटका लगा। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 41610 सिपाहियों की भर्ती में नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक नियुक्ति प्रक्रिया आगे न बढ़ाई जाए। इस परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल ने रवि कुमार शर्मा और बृजेश कुमार तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया है कि चयन प्रक्रिया में क्षैतिज आरक्षण सही तरीके से लागू नहीं किया गया। नियमानुसार महिला, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित को उसी वर्ग के तहत आरक्षण मिलना चाहिए। यानी कि यदि ओबीसी महिला है तो उसे ओबीसी के लिए आरक्षित पदों ही चयनित किया जाना चाहिए। जबकि ऐसे अभ्यर्थियों का चयन सामान्य वर्ग में किया गया। याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह के मुताबिक क्षैतिज आरक्षण के पदों को अनारक्षित सीटों में समायोजित कर दिया इससे जनरल कटेगरी की करीब 3800 सीटें आरक्षण में चली गई। कोर्ट ने प्रदेश सरकार से इस बारे में हलफनामा मांगा था। सरकार की ओर से हलफनामा पेश कर जवाब तो दिया गया लेकिन अदालत उसके तथ्यों से संतुष्ट न हुई। कोर्ट ने फिर से हलफनामा दाखिल करने का सरकार को निर्देश दिया। इस बीच नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी गई। याचिका पर सुनवाई 11 सितंबर को होगी। उल्लेखनीय है कि सिपाही भर्ती का अंतिम परिणाम 16 जुलाई 15 को घोषित किया गया था।