नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति आज शिक्षक दिवस से पूर्व बच्चों से रूबरू हो रहे हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में पीएम ने सिक्के भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया से कोई भी अछूता नहीं रह सकता है। यह हम सभी में रचा बसा है। दिल्ली के मानिकशॉ सेंटर प्रधानमंत्री से संवाद के लिए यहां पर करीब आठ सौ स्कूली बच्चे जुटे हैं। वहां पर केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी समेत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद हैं।
इस अवसर पर दिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मां जहां बच्चे को जन्म देती है वहीं शिक्षक अपने छात्र को जीवन देता है। वह पैसे के लिए कभी काम नहीं करता है। जिस तरह से कुम्हार मिट्टी को एक रूप देता है वही काम शिक्षक भी करता है। शिक्षक के महत्व को पैसों से तोलकर नहीं देखा जा सकता है। किसी भी डाक्टर और वैज्ञानिक की सफलता के पीछे शिक्षक ही होता है जो उसको सही राह दिखाता है। उन्होंने सीखने की प्रवृति पर बल देते हुए कहा कि बालक से जितना सीखा जा सकता है उतना और किसी अन्य से नहीं सीखा जा सकता है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को दूरदर्शन के सभी चैनलों पर और राष्ट्रपति को डीडी न्यूज पर देखा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति भवन में मौजूद स्कूल में खुद प्रणब मुखर्जी करीब बारह बजे बच्चों को राजनीतिक विज्ञान के गुण सिखाएंगे। अलग-अलग होने वाले इन दोनों कार्यक्रमों के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है।
मोदी से बच्चों ने पूछे सवाल:-
सवाल:- आपने बोलने की कला कैसे विकसित की?
जवाब:- अच्छा श्रोता होना जरूरी, नोट्स बनाने की जरूरत और लोग क्या कह रहे हैं इसपर बिल्कुल ध्यान न दें, उनके हंसने की चिंता न करें।
सवाल:- क्लासरूम में ज्यादा अच्छा लगता था या बाहर?
जवाब:- मैंने आसपास की चीजों से ज्यादा सीखा, चीजों को बारीकी से परखता था।
सवाल:- प्रतियोगी परीक्षाओँ की तैयारी से पढ़ाई पर असर पड़ता है, क्या करें?
जवाब:- दुर्भाग्य है कि मां-बाप जो खुद नहीं बन पाए उसके लिए बच्चों पर दबाव डालते हैं। इसके लिए मैंने एक बदलाव का प्रस्ताव दिया है- कैरक्टर सर्टिफिकेट की जगह ऐप्टिट्यूट सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए, जो दोस्तों से भरवाया जाए। बालक जितना सिखाता है, दूसरा और कोई नहीं सिखाता। कु्म्हार की तरह शिक्षक हर बच्चे की जिंदगी संवारता है।
सवाल:- देश के कई हिस्सों में बिजली नहीं है। ऐसे में डिजिटल इंडिया कैंपेन कैसे पूरा होगा?
जवाब :- देश में अठारह हजार गांवों में बिजली नहीं है। अगले एक हजार दिनों में बिजली पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। बिजली नहीं है तो डिजिटल एक्टिविटी रुकती नहीं है। हम सब इससे अछूते नहीं रह सकते। अगर हमें सामान्य लोगों को उसका हक पहुंचाना है तो डिजिटल इंडिया की जरूरत होगी। यह सामान्य लोगों को एम्पावर करने का मिशन है। 2022 तक घरों में 24 घंटे बिजली होनी चाहिए।
सवाल:- सफल राजनेता बनने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाबः- राजनीतिक जीवन की बदहाली हो चुकी है। इसलिए लोग सोचते हैं, नहीं जाना चाहिए। बहुत आवश्यक है कि राजनीति में अच्छे, विद्वान, जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग आएं। गांधी जी जब आंदोलन चलाते थे तो सब क्षेत्र के लोग उससे जुड़े थे। आंदोलन की ताकत बहुत बढ़ी। आप अगर राजनीति में आती हो तो आपको लीडरशिप रोल करना होगा। गांव, स्कूल में घटना घटती है तो सबसे पहले पहुंचे। लोग भी जाएंगे। लीडर क्यों बनना है यह क्लिर होना चाहिए। चुनाव लड़ने के लिए, खुशी पाने के लिए, जहां रहती हैं उनकी समस्याओं को समाधान करने के लिए। इसके लिए उनके प्रति लगाव होना चाहिए। उनका दुख सोने न दे और सुख हमें खुशी दे। अगर आप ऐसा कर पाती हैं तो देश तुम्हें अपने आप लीडर बना देगा।
सवाल:- आपको किसने सबसे ज्यादा प्रभावित किया?
जवाबः- जीवन एक व्यक्ति के कारण नहीं बनता। रिसेप्टिव माइंड के हैं तो एक निरंतर प्रभाव चलता है। रेल के डिब्बे में भी कुछ सीखने को मिल जाता है। मेरा स्वभाव छोटी उम्र से जिज्ञासु रहा। मुझे टीचरों से लगाव था। मेरे परिवार में माता का भी देखभाल रहता था। गांव में मेरी लाइब्रेरी थी। मैं वहां स्वामी विवेकानंद को बढ़ता था। उन्हीं किताबों ने मेरे जीवन पर प्रभाव पड़ा है।
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