नई दिल्ली:ज्यादतर लोग ये जानना चाहते हैं, कि वो पिछले जन्म में क्या थे। अक्सर ऐसा होता है कि हमारी जिंदगी में जब कभी भी परेशानी आती है तो ये सोचते हैं कि ये हमारे पिछले जन्म का फल है। ज्योतिषों के मुताबिक इस जन्म के सुख-दुख का संबंध पूर्वजन्म से भी होता है।
वैसे ज्योतिषों के मुताबिक आप चाहे तो खुद भी पता लगा सकते हैं कि आप पिछले जन्म में क्या थे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुण्डली में गुरु लग्न यानी पहले घर में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि पूर्वजन्म में आप किसी विद्वान परिवार में जन्मे थे।वैसे ज्योतिषों के मुताबिक आप चाहे तो खुद भी पता लगा सकते हैं कि आप पिछले जन्म में क्या थे।
अगर आपकी जन्मपत्री में गुरु पांचवें, सातवें या नवम घर में बैठा है तो यह संकेत है कि आप पूर्व जन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी एवं विवेकशील रहे होंगे। उसके प्रभाव से इस जन्म में भी आप पढ़ने लिखने में होशियार होंगे।जिसकी जन्म कुंडली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है, उनकी अस्वभाविक मृत्यु हो सकती है। ऐसा व्यक्ति वर्तमान जीवन में चालाक होता है। इनका मन कई बार उलझनों में घिरा रहता है। वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल की कमी रहती है।
जिन व्यक्तियों का जन्म कर्क लग्न में हुआ है। यानी कुंडली में पहले घर में कर्क राशि है और चंद्रमा इस राशि में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि व्यक्ति पूर्वजन्म में व्यापारी रहा होगा। ऐसा व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है। छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के साथ यह जीवन में सफल होते हैं।जिनकी जन्मपत्री में मंगल छठे, सातवें या दसवें स्थान में होता है वह पूर्वजन्म में बहुत ही क्रोधी व्यक्ति रहे होंगे। इन्होंने अपने क्रोध के कारण कई लोगों को कष्ट पहुंचाया होगा। इस जन्म में ऐसे व्यक्तियों वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चोट और दुर्घटना के कारण कष्ट होता है।
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