लखनऊ:न पंडित, न मंडप और न बरात। इश्क में डूबे किशोर एवं किशोरी ने भगवान के समक्ष जीवन साथी बनने का फैसला ले लिया। नाबालिग प्रेमी ने किशोरी की मांग में ङ्क्षसदूर भरा और बिछुए भी पहना दिए। बालाजी मंदिर में होने वाली यह शादी छह घंटे भी न चल सकी। पुलिस को खबर मिली, तो दोनो को थाने ले आई। इटावा में रहने वाले परिजनों को भी फोन कर बुला लिया। किशोरी प्रेमी के साथ जाने की जिद पर अड़ी हुई थी, लेकिन जब अफसरों ने कानूनी पेचीदगियों को समझाया, तो उसने मांग का सदूर पोंछकर बिछुए उतार दिए और परिजनों संग चली गई।
बिन फेरे, हम तेरे का यह घटनाक्रम घटा शिकोहाबाद के बालाजी मंदिर में। इटावा के थाना बलरई के एक के किशोर एवं किशोरी शनिवार सुबह मंदिर पहुंचे। भगवान के समक्ष किशोर ने मांग भरकर बिछुए पहनाए। इसके बाद दोनो मंदिर कैंपस में ही सुनसान जगह पर खड़े हो गए। इस दौरान किसी ने खबर दी तो पुलिस दोनों को थाने ले आई। पूछताछ के बाद दोनों के परिजनों को बुलवा लिया।
नारी निकेतन एवं जेल का डर
परिजनों के आने के बाद भी किशोरी प्रेमी के साथ जाने की जिद पर अड़ी हुई थी। ऐसे में पुलिस ने किशोरी को उप जिलाधिकारी चंद्रभानु ङ्क्षसह के समक्ष पेश किया। एसडीएम ने दोनों परिवारों से वार्ता की। किशोरी की जिद को देखते हुए उन्होंने खुद उससे बात कर उम्र एवं कानून की जानकारी देते हुए कहा, इस स्थिति में तुम्हें नारी निकेतन जाना पड़ेगा तथा किशोर को जेल। बालिग होने के बाद इस तरह का फैसला लेने का अधिकार कानून देता है। करीब छह घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के परिजन उन्हें साथ ले गए।