लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी से विधायक रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी सहित तीन लोगों को बांदा के शीलू निषाद दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया गया है। सीबीआई की विशेष अदालत ने आज इस मामले में दो लोगों को बरी भी कर दिया। पूर्व विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी को दस वर्ष कैद तथा एक लाख रुपया जुर्माना तथा राम नरेश द्विवेदी उर्फ रावण तथा वीरेंद्र शुक्ला को दो-दो वर्ष कैद की सजा दी गई है।
बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में 2010 के बांदा के बहुचर्चित शीलू दुष्कर्म कांड में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में 25 मई को सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसले के लिए पांच जून की तारीख तय की थी। सीबीआई कोर्ट नंबर छह में मामले की सुनवाई चल रही थी। इस बहुचर्चित मामले में बांदा के नरैनी के तत्कालीन बसपा विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के खिलाफ सीबीआई ने दुष्कर्म तथा चार साथियों के खिलाफ छेडख़ानी व मारपीट की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था।
क्या है मामला
दिसंबर 2010 में पूर्व बीएसपी विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी और उनके करीबी राम नरेश द्विवेदी उर्फ रावण, वीरेन्द्र कुमार शुक्ला, रघुवंश मणि द्विवेदी उर्फ सुरेश नेता और राजेन्द्र शुक्ला पर नाबालिग लड़की ने आठ से 12 दिसंबर तक रेप, छेडख़ानी और मारपीट का आरोप लगाया था। इसके बाद लड़की को चोरी के आरोप में जेल भेज दिया गया था। मामले के तूल पकडऩे के बाद सीएम के हस्तक्षेप पर एफआईआर दर्ज की। बाद में मामले की जांच स्थानीय पुलिस से लेकर सीबी सीआईडी को सौंप दी गई। सीबी सीआईडी ने मामले की जांच कर चार्जशीट तैयार कर ली थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी गई।सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। सितंबर 2011 में सीबीआई ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली। 2012 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। 25 मई को केस से जुड़ी सभी सुनवाई पूरी हो गईं।