फर्रुखाबाद: पीड़ित पक्ष से रिश्वत मांगने और विवेचक द्वारा समय पर कार्यवाही ना करने के आरोप में आई जी के आदेश पर दरोगा और आरक्षी पैरोकार को निलंबित कर दिया गया है| वही पैरोकार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है|
थाना राजेपुर क्षेत्र के ग्राम बिलालपुर निवासी महेंद्र प्रताप की पत्नी नन्ही देवी उर्फ़ ऊषा के साथ गाँव के ह सूर्य प्रताप उतर विक्रम के खिलाफ रात्रि में घर में घुसकर छेडछाड करने का बीते 19 जनवरी को राजेपुर थाने में दर्ज कराया गया था| जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक अमर सिंह को दी गयी| विवेचक के द्वारा विवेचना में लापरवाही दिखाते हुये विवेचना को लम्बित रखा गया| वही राजेपुर थाने के आरक्षी पैरोकार ज्ञान सिंह ने फोन पर पीड़ित पक्ष से रिश्वत मांगी| जिसका पीड़ित पक्ष ने अपने फोन में वीडियो बना लिया| जिसे पीड़ित ने आई जी आसुतोष पाण्डेय के द्वारा स्थापित किये गये “एक नम्बर भरोसा का” वाट्स अप के नम्बर पर वीडियो भेज दिया| जिसमे सिपाही ज्ञान सिंह के द्वारा रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई|
जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुये आईजी आशुतोष पाण्डेय ने सिपाही ज्ञान सिंह व विवेचना में लापरवाही बरतने वाले दरोगा अमर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया| और सिपाही( पैरोकार) ज्ञान सिंह के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है | मामले की जाँच कालूराम दोहरे को व पुरे मामले की प्रारम्भिक जाँच अपर पुलिस अधीक्षक राम भुवन चौरसिया व एसपी विजय यादव को दी गयी है|