अध्यापक राज्य पुरस्कार के लिए कैसे कैसे मास्टर हुए दीवाने

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Teacher to be Awardedफर्रुखाबाद: बच्चो को स्कूल में पढ़ाने से ज्यादा परिषदीय अध्यापको को खुद को चमकाने और वेतन पाने की इच्छा रहती है| बच्चे पढ़े न पढ़े, इनाम मिल जाए, नाम हो जाए तो कुछ काम बन जाए| फर्रुखाबाद से जिन चार अध्यापको में राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए अपना अपना आवेदन किया है उनमे से किसी एक का भी पढ़ाया हुआ बच्चा आज तक आईएएस या पीसीएस नहीं बन पाया| और न ही उनके स्कूल में ऐसी कोई आदर्शिता दिखाई पड़ती है जिसके दम पर वे पुरस्कार के लिए लाइन में लग सके फिर भी साहब खुश है इसलिए उनका अनुमोदन हो गया है| ये चार नाम है- चमन शुक्ला, प्रभा कनोजिया, भारती मिश्रा और राजेंद्र गुप्ता| विस्तृत रूप से इन चारो नामो के कामो में कुछ चर्चा हो जाए-

चमन शुक्ला-
ये अध्यापिका स्कूल में बच्चो को पढ़ाने की जगह स्काउट गाइड टीचर है| परिषदीय विद्यालय की शिक्षिका है मगर जिस स्कूल में तैनाती है वहां कभी पढ़ाने नहीं जाती| ये पूर्व माध्यमिक विद्यालय भोलेपुर फतेहगढ़ से “वेतन आहरित करती” है| आज तक परिषद के स्कूलों के एक भी बच्चे को स्काउट गाइड में मंडल से लेकर राज्य तक एक भी पुरस्कार नहीं दिला पायी| पढ़ाना तो दूर की कौड़ी है| अफसरों के साथ फोटो खिचाने का शौक और दूसरे स्कूलों में बिना अनुमति के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बड़ी भागीदारी| हाँ इनके घर में एक स्कूल जरूर चलता है जिसे इनके पति रामवीर शुक्ल चलाते है| इसकी व्यवस्था जरूर अच्छी है| मगर सरकार से वेतन पाने के बदले जनता की सेवा करना शायद ही कभी सोचा हो|

भारती मिश्रा-

परीक्षा में ड्यूटी, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी और मंचो पर फोटो खिचाने का विशेष शौक| अलबत्ता इनकी तैनाती के स्कूल पूर्व माध्यमिक विद्यालय महमदपुर करसान की स्थिति किसी थर्ड क्लास परिषद के स्कूल से ज्यादा नहीं है| स्कूल के बच्चे बताते है कि मैडम यदा कदा ही आती है| बहुत से बच्चो ने तो मैडम का नाम जानंने से ही इंकार कर दिया| अध्यापन के नाम पर शुन्य|

राजेंद्र प्रसाद गुप्ता-
पढ़ाई से ज्यादा राजनीति के शौक़ीन| स्कूल में पढ़ाने की जगह 13 वर्ष तक बी आर सी समन्वयक रहे| पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष है| अलबत्ता बच्चे इनके भी एक भी काबिल नहीं बन पाये| लम्बे समय तक भवन प्रभारी रहे| कई परिषदीय स्कूल के भवन बनबाये| आजकल इनके पुत्र शमसाबाद नगर पंचायत के अध्यक्ष है| मास्टर साहब का इलाके में रुतबा है| बच्चो को पढ़ाने के आलावा अन्य सभी कामो में आगे रहे| अब राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए लाइन में है|
नीचे सूची में देखे कि राज्य पुरस्कार के लिए योग्यता क्या है- और आंकलन करे कि क्या उपरोक्त शिक्षको को राज्य पुरस्कार के लिए चुना जाना चाहिए|
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