लखनऊ:पूर्व सांसद अमर सिंह की समाजवादी पार्टी में वापसी के रास्ते में रोड़े भले हों मगर दरवाजे बंद नहीं है। मंत्री शिवपाल यादव ने ये संकेत देते हुए कहा कि उनके साथ पारिवारिक रिश्ते हैं। शुक्रवार को दिल्ली में मुलायम सिंह यादव और अमर सिंह ढाई घंटे साथ रहे। उन्हीं को वापसी पर निर्णय भी लेना है।
लोकसभा चुनाव के बाद से अमर सिंह की सपा में वापसी के ‘कयास’ शुरू हुए। थोड़े-थोड़े अंतराल पर मुलायम, अखिलेश और शिवपाल के साथ उनकी मुलाकातों से कभी उन्हें राज्यसभा भेजने, कभी संगठन में ओहदा देने की चर्चाएं होती रही। कुछ दिन पहले अमर ने जिस अंदाज में आजम से खटास खत्म नहीं होने का बयान दिया, उसे सपा में वापसी की राह के रोड़े कम करने का प्रयास समझा गया था, मगर पार्टी के रणनीतिकार प्रो.राम गोपाल यादव ने अमर की वापसी की संभावना से ही इन्कार किया था, जिससे चर्चाओं पर विराम लग गया।
अब शनिवार को शिवपाल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि अमर सिंह ने राज्यसभा का टिकट कभी नहीं मांगा। जयाप्रदा ने एमएलसी पद की अपेक्षा नहीं की और टिकट भी नहीं मांगा। ऐसे में टिकट कटने का प्रचार मिथ्या है। जोड़ा कि वह पार्टी में नहीं हैं, तो फिर टिकट कटने का सवाल कैसे उठ गया। शिवपाल ने दोहराया कि अमर से उनके व नेताजी (मुलायम) के पारिवारिक रिश्ते हैं। बात-मुलाकात होती रहती है। सपा के दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं होते तो फिर उनके लिए क्यों बंद होंगे। सपा के संसदीय बोर्ड ने राज्यसभा, विधान परिषद के प्रत्याशी तय करने, किसी को पार्टी में लेने के फैसले का अधिकार मुलायम सिंह को दे रखा है। ऐसे में अमर की वापसी का फैसला भी उन्हें करना है, जिसकी घोषणा खुद अमर सिंह करेंगे।
राजभवन पर सवाल टाला
विधान परिषद की मनोनीत कोटे की नौ सीटों के लिये भेजे गए नामों का राजभवन द्वारा परीक्षण कराने व कुछ पर आपत्ति की आशंका के सवाल को टालते हुए शिवपाल ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है। राजभवन ने कोई सूचना नहीं दी है, तो फिर यह सवाल कैसे।
जनता परिवार का मसला सुलझ जाएगा
जनता परिवार के एका पर पेंच खड़े होने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि शुक्रवार को लालू यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश समेत छह दलों की बैठक हुई, शनिवार को भी मिले। उन्होंने मुलायम को अध्यक्ष माना है, तो जल्द ही अच्छे परिणाम आएंगे। झंडा, चुनाव चिन्ह का मसला भी सुलझ जाएगा।