लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की प्राथमिकी की ठीक से विवेचना न कर आरोपियों की मदद करने के मामले में रामपुर, मिलक थाना के क्षेत्राधिकारी तेजपाल सिंह को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि ‘ऐसे पुलिस अधिकारी खाकी वर्दी में समाज के दुश्मन हैं। ये समाज के कैंसर के समान हैं।’ कोर्ट ने ठीक ढंग से विवेचना कर कार्रवाई की ताकीद की तथा जुलाई में विवेचना की प्रगति की जानकारी मांगी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति शशिकांत की खण्डपीठ ने श्रीमती रीना कुमारी की याचिका पर दिया है। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता इमरानुल्ला खां ने बहस की। उन्होंने तफ्तीश के बिंदुओं को सामने रखा, लेकिन कोर्ट आश्वस्त न हुई। घटनाक्रम के अनुसार एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ। वह महिला थाने पर मदद के लिए पहुंची, लेकिन उसे वहां से भगा दिया गया। दूसरे दिन उसने मेडिकल जांच कराई तथा एसएसपी की शिकायत की। प्राथमिकी दर्ज न होने पर धारा 156(3) की अर्जी पर कोर्ट के आदेश से प्राथमिकी दर्ज की गई, किंतु सीओ ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी। कोर्ट ने पुलिस की तीखी आलोचना करते हुए नए सिरे से नियमानुसार विवेचना का आदेश दिया। इस आदेश की भी सीओ ने खिल्ली उड़ाई। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई। कोर्ट इस बात को लेकर नाराज थी कि सीओ ने पीड़ित के बजाय आरोपी की मदद की तथा खिलाफ टिप्पणी होने पर कोर्ट के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। कोर्ट ने मामले में सही विवेचना का मौका दिया है।