लखनऊ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट तथा हाईस्कूल की परीक्षा में छात्र-छात्राओं ने इस बार रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन किया। कल परिणाम आया तो हजार से अधिक मेधावियों ने तीन विषयों में सौ से सौ अंक प्राप्त किए हैं तो हिन्दी भाषी प्रदेश में हिन्दी की परीक्षा में एक लाख से अधिक परीक्षार्थी फेल हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के शिक्षा की गुणवत्ता चाहे जो भी लेकिन विज्ञान विषयों में कई परीक्षार्थियों ने सौ में सौ फीसद नंबर हासिल किए। इससे लग रहा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने और बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम नहीं आने का मिथक अब टूटने लगा है। इस बार इंटर की परीक्षा में गणित, रसायन तथा भौतिकी में परीक्षार्थियों ने सौ में सौ नंबर हासिल किया है। कुछ छात्रों ने कृषि रसायन जैसे विषय में भी सौ में 99 नंबर प्राप्त किए। कृषि रसायन और एनिमल हसबेंडरी जैसे विषयों में 99 नंबर तक मिले।
उधर एक लाख से अधिक परीक्षार्थी हिन्दी में ही फेल हो गये हैं। हिन्दी भाषी प्रदेश में यूपी बोर्ड की परीक्षा में एक लाख से अधिक छात्र हिन्दी विषय में फेल हो गये हैं। हिन्दी में फेल छात्र-छात्राओं को आगे की कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। हिन्दी भाषी राज्य में बड़े पैमाने पर हिन्दी में छात्रों के फेल होने से शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।