थानाध्यक्ष पिटाई मामले में गलती किसकी?

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spaa-netaaफर्रुखाबाद: समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के सामने ही जहानगंज थानाध्यक्ष कि पिटाई के मामले में पुरे प्रदेश में सपा की ही थू-थू हो रही है| वही पुलिस व प्रशासन के लिये यह सिर दर्द से कम नही| पुलिस अधिकारी घटना की गम्भीरता ना समझकर सत्ता के सामने घुटने टेकते नजर आ रहे है| लेकिन अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नही पंहुचे है| बीते दिन की घटना को देखते हुये यह लगता ही है कि जब पुलिस के घर में ही सत्ता उन्हें पीट सकती है तो फिर खुले में खाकी की क्या औकात?

नियम कानून की बात करे तो कहा व्यवस्था ध्वस्त नही थी| समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निजी सचिव गंगा राम ने पुलिस उपमहानिरीक्षक सुरक्षा, जनपद के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पार्टी के वर्तमान/पूर्व सांसद, विधायको, पार्टी के जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष, सपा के चारो प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष, कंट्रोल रूम एन०एस०जी० लखनऊ को पहले ही अवगत करा दिया था कि उनके पास जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा, एनएसजी कबर सहित प्राप्त है| जिस हिसाब से पुलिस कर्मियों को डियूटी पर लगाया गया|

हेलीपैड पर मुलायम सिंह के स्वागत के लिये केबल पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री सतीश दीक्षित व जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव का ही नाम था| सूत्र बताते है कि बाद में पूर्व विधायिका उर्मिला राजपूत को भी हैलीपैड पर बुला लिया था| लेकिन उसके बाद भी खुद सपा नेताओ ने ही पुलिस से धक्का-मुक्की कर दी| लैंड करने के बाद मुलायम सिंह यादव सीधे गेस्टहाउस पंहुचे पुलिस सपा नेताओ को तब भी नही रोक पायी थी| मजे की बात यह है कि खुद पुलिस ही सिफारिस करके नेताओ को अन्दर गेस्टहॉउस में प्रवेश दिला रही थी| जिससे अव्यवस्था फैली और गेस्ट हॉउस केगेट पर ही विवाद हुआ|
जिसके बाद किसी भी विवाद से बचने के लिये खुद डीएम, एसपी ने पुलिस लाइन के गेट पर किसी भी नेता का वाहन अन्दर ना आने के आदेश दिये| थानाध्यक्ष जहानगंज व अन्य पुलिस कर्मी तो आदेश का पालन ही कर रहे थे| जिसके चलते उन्होंने सपा नेताओ की गाड़ी रोक दी| जिस पर सपा नेता विफर गये| और सोचने वाली बात यह है कि हेलीपैड तक जाने कि जिन लोगो को परमिशन नही थी वह लोग भी पुलिस पर अपने हाथ साफ कर गये| जिन अधिकारियो ने गाड़ी रोकने के आदेश दिये थे वह भी सत्ता की हनक से घुटनों के बल आ गये| जो जनपद में चर्चा का विषय है| पुलिस अधिकारी जाँच कराकर कार्यवाही करने कि बात कर रहे है| लेकिन सत्ता की भी कभी जाँच हुई है| लेकिन थानाध्यक्ष के वह फफकते हुये आंसू प्रदेश में सपा सरकार की नई उपलब्धि को जरुर बंया कर रहे है|

मामला कुछ भी हो लेकिन आये दिन सपा नेताओ की गुंडई से प्रदेश में 2017 का चुनाव भी बड़ा रोचक होगा| लोकतंत्र में सबसे बड़ी सरकार जनता की है| जनता सभी की जाँच पूरी ईमानदारी से करती है|