नई दिल्ली|| पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री जयराम रमेश ने बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा नदी के किनारे स्थित 26 उद्योगों का हाल ही में सर्वेक्षण किया।
इस दौरान बोर्ड ने पाया कि ऎसी आठ इकाइयां हैं जो निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन कर रही हैं। उनके मुताबिक इनमें से चार को बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। रमेश ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 26 उद्योगों में से सात इकाइयां बंद पाई गई जबकि दो इकाइयां निस्तारण मानकों का अनुपालन कर रहीं थीं। उनके मुताबिक नौ इकाइयों को हल्के-फुल्के सुधारों की आवश्यकता थी और आठ इकाइयां बहिस्त्राव निस्तारण के लिए मानदंडों का उल्लंघन करती पाई गई।
उन्होंने कहा कि मानदंडों का उल्लंघन करने वाली आठ इकाइयों में से चार इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए गए, तीन इकाइयों को निर्धारित निस्तारण मानकों का अनुपालन कर उपचारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए और एक ईकाई को बंद करने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
स्वच्छ गंगा सुनिश्चिचत करने के लिए मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि फरवरी 2009 में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की स्थापना की गई। इसे नदी बेसिन के प्रति एक व्यापक द्यष्टिकोण अपनाकर गंगा नदी के संरक्षण और प्रदूषण के प्रभावी उपशमन को सुनिश्चित करने के लिए एक अधिकार संपन्न प्राधिकरण के रूप में गठित किया गया है।