कभी देखा है कब्रिस्तान में ‘कसीनो’? यहां चलता है!

Uncategorized

graveyardमेरठ:शहर में मौत के मुकाम पर जिन्दगी का जुआ बेधक चल रहा है। दरअसल कब्रिस्तान में कब्रों के बीच यहां एक के दस का भाव लगता है यानि जुआ खेला जाता है। वैसे तो एक दो नहीं बल्कि शहर में कई ऐसे कब्रिस्तान हैं, जहां देसी कसिनों में रोजाना लाखों इधर से उधर हो रहे हैं। कंकरखेड़ा और एसपी सिटी कार्यालय के पास जिन्दगी का ये जुआ जारी है।

लोगों का कहना है कि पुलिस भी इस खेल की हिस्सेदार है, इसलिए तभी इन स्थानों पर छापेमारी नहीं होती। बताया जा रहा है कि जहां ये देसी कसिनों चलता है उसके बारे में बताया जाता है कि उसका एक दिन का किराया ढाई हजार रुपए है। लोगों का ये भी कहना है कि बड़ों के साथ साथ स्कूली बच्चे भी दांव लगाने पहुंचते हैं।

वहीं मोहल्लेवालों ने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन कुछ नहीं होता। इस कसिनों का कोई समय नहीं है। कभी शाम पांच से रात आठ बजे तक महफिर सजती है तो कभी दोपहर एक से शाम चार बजे तक लोग बैठे रहते हैं। इस काम के लिए इन्हें ज्यादा तामझाम की ज़रुरत नहीं होती। इसके लिए दो फिट चौड़े और चार फिट लम्बे फ्लैक्स पर दस चिन्ह छपे होते हैं और इसमें पक्षी फल आदि कुछ भी हो सकता है। साथ ही कैलेंडर जैसा चार्ट होता है जिस पर पर्चियां चिपकी होती हैं। दांव लगाने वाले फ्लैक्स पर छपे किसी एक चिन्ह पर जुआ खेलता है।

इस पर कम से कम दस रुपए और पांच सौ रुपए तक का दांव लगाया जाता है। लोगों की जिन्दगी बर्बाद करने वाले इस जुए के बारे में जब एसपी सिटी से बात की गई तो उन्होंने इस सवाल को ही गलत ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि ये सवाल पूछने की सही जगह नहीं है।

जब उनसे पूछा गया कि एसपी सिटी कार्यालय के पीछे भी लोगों की जिन्दगी को बर्बाद और कंगाल करने का कारोबार जारी है तो वो बगले झांकने लगे। कहने लगे कि एसपी सिटी का कार्यालय भी शहर में ही है। ये वही एसपी सिटी है जो अपने जुगाड़ की वजह से काफी अर्से से मेरठ में डटे हुए हैं। इनका ट्रांसफर कई बार हुआ लेकिन हर बार वो बाजी जीत जाते हैं।