लखनऊ: जस्टिस विष्णु सहाय की अध्यक्षता गठित आयोग ने आइजी नागरिक सुरक्षा अमिताभ ठाकुर की गवाही अस्वीकार कर दी है। सहाय आयोग मुजफ्फरनगर दंगों की जांच के लिए गठित किया गया है।
आयोग ने कहा कि ठाकुर ने 19 फरवरी को शपथपत्र के जरिए दंगों के संदर्भ में अपनी बात रखी थी। ठाकुर की गवाही 17 माह बाद आई है यदि उन्हें अनुमति दी गई तो गवाही की झड़ी लग जाएगी। आयोग ने यह भी कहा कि ठाकुर की गवाही एक पीडि़त अभिषेक जैन की बातों पर आधारित है। कानून में सुनी बातों का महत्व नहीं है। नौ सितंबर 2013 को बने इस आयोग को पहले मुजफ्फरनगर दंगों की जांच करनी थी, बाद में सहारनपुर, मेरठ, शामली और बागपत के दंगे भी शामिल किए गए।
आयोग के पास 3214 शपथपत्र आए जिनमें 376 लोगों की गवाही दर्ज की गई। 100 सरकारी कर्मियों की गवाही हुई है। ठाकुर ने अपने शपथपत्र में जैन द्वारा शहर के प्रमुख संवेदनशील स्थानों पर कोई भी फोर्स तैनात नहीं होने और गुहार के बाद भी पुलिस के नहीं पहुंचने की बात लिखी थी।