ऊँट के मुँह में जीरा साबित हुई किसानो की मुआवज़ा राशि

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kisaanफर्रुखाबाद:बीते कई दिनों से हुई जबरदस्त बारिश व् ओलावृष्टि से प्रदेश का किसान तबाह व् बर्बाद हो गया लेकिन प्रदेश के आला अधिकारियों व् शासन को किसान का दर्द नज़र नही आया ! जहां किसान दिन रात मेहनत अनाज उगाता व् जी तोड़ मेहनत करता है और उसकी उम्मीद अपनी खेत में खड़ी फसल पर निर्भर रहती है ! किसान की फसल जब कटती है तब वह कर्ज़ा अदा करता व् अपनी घर की खुशियो को पूरा कर पाता है ! लेकिन इस बार शायद किसान से कुदरत भी रूठ गयी ! खेत में फसल जब तैयार खड़ी थी की तभी कुदरत की मार ने किसान की कमर तोड़ दी ! कुदरत की मार झेल रहे किसान की उम्मीद अब सिर्फ सरकार पर टिकी थी लेकिन सरकार ने भी किसान के साथ मज़ाक किया !

किसान को जब बारिश से बर्बाद हुई फसल का मुआवज़ा मिलाने का समय आया तब भी किसान के साथ मज़ाक हुआ ! वैसे तो किसान को शासन ने १८००० रु. प्रति हेक्टयर का मुआवज़ा घोषित किया जब किसान की पूरी फसल बर्बाद हो गयी ! फर्रुखाबाद ज़िले में ५० प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद होने वाले केवल ५३९ किसान ही मिले ! जिनको मुआवज़ा के नाम पर १७९०००० रु. का मुआवज़ा बाटा गया ! ज़िले में केवल १०३ हेक्टयर छेत्रफल की फसल बर्बाद हुई ! जब की ज़िले में बुआई हुआ छेत्रफल १४२०००० हेक्टयर है !

यह तो शायद देखने में ही मज़ाक सा लगा रहा है की ज़िले के इतने बढे कृषि छेत्र में केवल १०३ हेक्टयर की फसल बर्बाद हुई ! इस मामले में किसानो का साफ़ कहना है की हम तो बर्बाद हो गए बैंक से क़र्ज़ लेकर फसल तैयार की थी लेकिन कुदरत की मार ने हमारी कमर तोड़ दी ! अब हमारे सामने कर्ज़ा अदा करना घर में शादी विवाह करना व् बच्चो की पढ़ाई का संकट आ गया है ! और सरकार ने भी हमारे साथ मज़ाक किया मुआवज़ा के नाम में पकड़ा दिया चाँद रुपयो का चेक ! इस मुआवज़ा से तो शायद फसल में जो पानी लगाया शायद उसकी भी कीमत नही निकलेगी ! अब हमारे सामने संकट ही संकट है ! प्रशासन ने जो सर्वे कराया वह सरासर गलत है ! इन किसानो की मांग है की सर्वे सही कराया जाएजिससे हमारी बर्बाद हुई फसल का सही मुआवज़ा मिल सके !

वही प्रशासन का कहना है की शासन ने केवल उन किसानो को मुआवज़ा देने की बात कही है जिन किसानो की ५० प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हुई है ! ऐसे किसान की संख्या केवल ५३९ है जिनको मुआवज़ा राशि १७९०००० रु. आवंटित कर दी गयी है ! जिसका कुल छत्रफल १०३ हेक्टयर है ! किसान के साथ हर पल मज़ाक ही हुआ है ! प्रशासन को ज़िले में केवल ५३९ किसान ही प्रभावित नज़र आये ! यह राशि तो ऊँट के मुंह में जीरा साबित हो रही है !