फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) एक तरफ केंद्र सरकार आधार को कई महत्वपूर्ण योजनाओं से जोड़ने की जद्दोजहद कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बड़ी उम्र के लोगों की हाथ की अंगुलियों के निशान घिसने के कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। इस कारण केंद्र की योजनाओं को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दे रखे हैं कि आधार कार्ड को किसी भी सरकारी सेवा के लिए अनिवार्य न किया जाए। अब एक बड़ी तकनीकी दिक्कत इसकी राह में रोड़ा अटका रही है।
हाल ही में निर्वाचन आयोग ने आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने की मुहिम शुरू की है। लेकिन, इस समस्या के कारण बड़ी संख्या में उम्रदराज लोग फिंगर प्रिंट स्पष्ट नहीं आने से परेशान हैं। निकट भविष्य में आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते वोटर लिस्ट के साथ ही अन्य लाभकारी सरकारी योजनाओं से वंचित होने का डर उन्हें सताने लगा है। वोटर आईडी से पहले गैस कनेक्शन की कैश सब्सिडी को लेकर बैंकों के खातों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना में भी आधार कार्ड की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई।
इन दो महत्वपूर्ण लाभकारी योजनाओं के बाद अब भारत निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी को भी आधार कार्ड से जोड़ना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि उम्रदराज लोग फिंगर प्रिन्ट के न आने से आधार कार्ड की सुविधा से वंचित हैं और सभी को डर सताने लगा है कि कहीं वोट देने समेत अन्य अधिकारों और सुविधाओं से वंचित न हो जाएं।
कुछ जरूरी बाते
1. उत्तर प्रदेश की 35 फीसद आबादी के पास आधार कार्ड
2. सभी नागरिकों को जल्द पहचान पत्र देगी सरकार
3. अभी तक 51 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए
4. ‘आधार’ पर पुराने रुख से पलटा गृह मंत्रालय
5.चुनाव आयोग अगस्त तक आधार को मतदाता फोटो परिचय पत्र से जोड़ देगा