फर्रुखाबाद: बीते 11 दिन से अनशन पर बैठे सर्वोदय मंडल के पदाधिकारियों ने जब अपनी पीड़ा महामहिम से कहने की बात की तो पुलिस ने उन्हें अनशन स्थल से हिलने नही दिया| जब उन्होंने जबरन जाने का प्रयास किया तो पुलिस उन्हें उठाकर पुलिस लाइन ले गयी|
विधुत शव दाह गृह बनवाने व खिनमिनी के ग्राम प्रधान के खिलाफ जाँच की मांग कर रहे एडवोकेट लक्ष्मण सिंह पर आखिर पुलिस ने अपना शिकंजा कास ही दिया| शुक्रवार को सुबह जब नगर मजिस्ट्रेट व फतेहगढ़ कोतवाल कूबर बहादुर सिंह पंहुचे और कहा की ज्ञापन देने के लिये राज्यपाल के पास नही जाने दिया जायेगा| ज्ञापन उन्हें ही देदो| जिस पर सर्वोदय मंडल राजी नही हुआ| जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाल फतेहगढ़ को लक्ष्मण सिंह पर नजर रखने के लिये छोड़ दिया|
सिटी मजिस्ट्रेट के जाने के बाद लक्ष्मण सिंह ने अपने कान पर पट्टी बांधी, सतीश ने आंख पर और विक्रांत ने मुंह पर पट्टी बांध कर गाँधी जी के तीन बंदरो का रूप बना लिया| तीनो अनशनकारी कलेक्ट्रेट से पुलिस लाइन की तरफ चल दिये| लेकिन पुलिस अधीक्षक आवास के निकट कोतवाल फतेहगढ़ ने उन्हें घेर लिया| उन्हें उठकर पुलिस लाइन ले गये | लक्ष्मण सिंह ने यह भी आरोप लगाया की अनशन कर रही महिला रेखा को भी पुलिस बिना महिला पुलिस के जबरन उठाकर जीप से पुलिस लाइन ले गयी जंहा कमरे में सभी को रखा गया| कुछ समय के बाद लक्ष्मण सिंह व उनके दो साथियों को पुलिस लाइन से याकूतगंज चौकी ले जाया गया|
जब राज्यपाल चले गये तब पुलिस कर्मियों ने उन्हें जिलाधिकारी कार्यालय के पास छोड़ दिया| लक्ष्मण सिंह पुन: चादर बिछा कर लेट गये| जिसके बाद पुलिस ने गम्भीर हालत देख लक्ष्मण सिंह, सतीश कुमार, विक्रांत को लोहिया अस्पताल में भर्ती किया| लक्ष्मण सिंह ने कहा है की उन्होंने अनशन खतम नही किया पुलिस ने जबरदस्ती अनशन खत्मं करा दिया है| इसके लिये वह पुन: एक बैठक कर अनशन करेगे| खिनमिनी के प्रधान के खिलाफ जाँच रिपोर्ट दी है उससे वह सहमत नही है|