पुलिस की धक्कामुक्की के बाद कारगिल शहीद के परिजन राज्यपाल से मिले

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miletari singhफर्रुखाबाद: बीते कई वर्षो से अपनी हक की लड़ाई लड़ रही कारगिल शहीद की बेबा गीता देवी राज्यपाल रामनाईक से मिली| इसके पहले जनपद के कई दर्जन पुलिस कर्मी विधवा को मिलने ना देने से रोके रहे| जिसके बाद खुद राज्यपाल ने उन्हें बुलाकर भेट की|

राज्यपाल अपना उद्बोधन देकर जैसे ही मंच से नीचे की तरफ बढ़े तो पहले से ही मौजूद कारगिल युद्ध के दौरान 13 फरवरी 1999 को ऑपरेशन रक्षक में शहीद हुए मिलेटरी सिंह की विधवा गीता देवी ने उनसे मिलने का प्रयास किया| विधवा के बच्चे अपने हाथ में पिता को वीरता के मिले मैडल हाथ में पकड़कर चिल्लाये और कहा कि मेरे मैडल वापस लेलो| गीता अपने बच्चों प्रीति, पूजा, पूनम सुशील सुधीर, सुगीर के साथ उनसे मिलने पंहुची थी| लेकिन पहले से ही संगीनों कि सुरक्षा में खड़े राज्यपाल से मिलने के लिये पुलिस ने रोक दिया|

शहीद के परिजनों के साथ पुलिस ने जमकर धक्कामुक्की कर दी| लेकिन उन्हें किसी भी प्रकार से आगे जाने से रोक दिया| जिस पर उन्हें पुलिस का विरोध भी झेलना पड़ा| विधवा ने रोते हुये कहा की मेरे पति देश के लिये शहीद हो गये और उनके बीबी बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है| इसके बाद मिडिया के कैमरे राज्यपाल के की तरफ मुड गये| जब राज्यपाल को मिडिया ने वस्तु स्थित से अवगत कराया तो उन्होंने खुद शहीद की पत्नी गीता देवी के बात की और हर सम्भव मदद का भरोसा दिया| गीता देवी ने कहा की सरकार की तरफ से उन्हें कोई खास सहायता मिली ना ही उन्हें पेट्रोल पम्प दिया गया|

राज्यपाल रामनाईक ने बताया कि जिस समय कारगिल का युद्ध हुआ था उस समय वह पेट्रोलियम मंत्री थे| कारगिल युद्ध में 440 शहीदों को पेट्रोलपम्प दिये गये थे| जिसमे मिलेटरी सिंह को क्यों नही मिल सका इस सम्बन्ध में वह बात करेगे और शहीद के परिजनों को हर सम्भव मदद दी जायेगी|
इसके अलावा हिजाम के जिलाध्यक्ष राघव दत्त मिश्रा ने अपने साथी किशन शर्मा, राजदीप गुप्ता, राहुल भाटिया के साथ महामहिम को सात सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौपा| पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों ने भी राज्यपाल को ज्ञापन सौपा|