अदालत के आदेश पर 43 साल बाद मिल सका अपना ही आशियाना

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kbja stish chandarफर्रुखाबाद: अपने मकान में शहर कोतवाली के मनिहारी निवासी सतीश चन्द्र पुत्र प्यारेलाल ने किरायेदार क्या रखा| अपने मकान का एक हिस्सा ही कबाना पड़ा| जब किरायेदार ने मकान खाली नही किया तो उन्होंने अदालत कि शरण ली| अदालत के दरवाजे कि तरफ अपने ही मकान को पाने के लिये उसे 43 वर्ष लग गये| आखिर अदालत के फैसले के बाद उसे कब्ज़ा मिल सका|

सतीश चन्द्र ने पाने मकान को वर्ष 1973 में राजकुमार पुत्र बलदेव प्रसाद को 11 रुपया 25 पैसे किराये पर दिया था| जिसमे यह परिवार 1987 तक रहा| जब सतीश ने मकान खाली करने को कहा तो राजकुमार ने इंकार कर दिया| जिस पर मकान मालिक ने अदालत में राजकुमार के खिलाफ केस करा दिया|

तब से सतीश अपने ही मकान को पाने के लिये अदालत के चक्कर काट रहा था|अ आखिर उसकी जीत हुई| सिबिल जज ने 23 मार्च को मकान का कब्जा सतीश को दिलाने के आदेश जारी कर दिये| शुक्रवार को दोपहर बाद अमीन शिवओम के साथ घोडा नखास चौकी प्रभारी आसिफ के साथ मौके पर पंहुचे और मकान का ताला तोड़कर कब्ज़ा मकान मालिक को दिला दिया| किरायेदार वर्तमान में बढ़पुर में रह रहा है|