लखनऊ: जानलेवा बीमारी स्वाइल फ्लू के कहर का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश में अब वर्ड फ्लू के एक बार फिर पांव पसारने से लोगों में दहशत का आलम है। मुर्गियों के जरिये फैलने वाली इस बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार का स्वास्थ्य महकमा चौकन्ना हो गया है। अमेठी के शुकुल बाजार इलाके में संक्रमित बीमारी वर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद सरकार ने कल देर शाम एक शासनादेश जारी कर सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए है।
शुकुल बाजार इलाके के चांदगढ कलंदरगढ और महोना में पिछली दो मार्च को कुछ मुर्गियों और बतखों के मरने की घटनाओं को नजरअंदाज कर दिया गया था। लेकिन अगले 48 घंटे में मौतों की तादाद पांच सौ का आकडा पार कर गई जिसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी गई। बडी संख्या में मुर्गियों के मरने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुर्गियों के शवों को परीक्षण के लिये भेजा जिसमें वर्ड फ्लू के संक्रमित वायरस एच5एच9 यानी एवियन इन्पलून्जा की पुष्टि हुई।
इस सिलसिले में कल शाम मुख्य सचिव आलोक रंजन ने एक शासनादेश जारी कर सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और बीमारी की रोकथाम के लिये अविलंब जरूरी कदम उठाने को कहा है। चिकित्सकों के अनुसार संक्रमित मुर्गियों के सम्पर्क में आने से आम लोगों में बीमारी फैलने का खतरा रहता है। संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण 48 घंटे के भीतर नजर आने लगते है।
पीडित मरीज की आखों में लालिमा के साथ दर्द होता है और लगातार पानी आता है। मरीज को खांसी़ बुखार और गले में सूजन के साथ सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। इलाज में देरी मरीज के लिये जानलेवा साबित हो सकती है। बीमारी से बचाव के लिए मासांहारियों को चिकन से परहेज करना चाहिए।