शामली: महज नौ माह की उम्र में वजन 20 किलोग्राम हो और खुराक भी तीन रोटी व दूध हो तो हैरत में पडऩा स्वाभाविक ही है। पर कांधला (उत्तर प्रदेश) में नौ माह की बालिका की यही खुराक है। उसे देखने लोगों का हुजूम लगा रहता है। डॉक्टर इसे खतरनाक बीमारी बता रहे हैं। इस बालिका की बड़ी बहन भी ऐसी ही थी और महज डेढ़ साल ही जिंदा रही थी।
कांधला के मोहल्ला नई बस्ती निवासी सम्मा की झारखंड में बोकारो स्टील सिटी में ससुराल है। मंगलवार को सम्मा की साली शबाना अपने पति सलीम व अपनी नौ माह की बालिका के साथ उसके यहां आई थी। बुधवार को पूरे मोहल्ले में यह बात फैल गई कि नौ माह की अबोध दूध पीती बच्ची नाश्ता करने के बाद दो से तीन रोटी खा जाती है। इसके बाद सम्मा के घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। बालिका का वजन भी 20 किलोग्राम है।
सलीम ने बताया कि इससे पूर्व भी उसकी पत्नी ने जिस बच्ची को जन्म दिया था, वह भी ऐसी ही थी। हमने झारखंड में कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन आराम नहीं मिला और डेढ़ वर्ष की आयु में उसने दम तोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि साढ़ू सिम्मा की सलाह पर हम बालिका को यहां इलाज कराने के लिए लाए हैं। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर रमेश चंद्रा का कहना है कि नौ माह के स्वस्थ्य बच्चे का वजन आठ से 10 किलोग्राम होना चाहिए। इससे अधिक वजन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। इस बालिका को क्वासीपोरकर बीमारी हो सकती है। इस बीमारी से बच्चे में भूख व वजन बढ़ जाता है।