फर्रुखाबाद: अभी तक जो कार्यशैली जिलाधिकारी एन के एस चौहान की रही है अगर तेवर, मंशा और जिद बरक़रार रही तो जिले में इस बार बोर्ड परीक्षाओ का परिणाम बहुत अच्छा नहीं आने वाला है| फेल होने वालो की तादात बढ़ी तो समझो कि सख्ती हुई वर्ना तो ऐसी हैडलाइन हर साल बोर्ड परीक्षा से पहले छपते ही रहती है और जनता ऐसी हैडलाइन पर टिप्पणियाँ देती है कि नक़ल माफिया तो सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिलकर चलते है उन्हें कौन रोक पायेगा| न तो निरीक्षण के लिए गढ़िया मिलेगी और मिली भी तो उसमे चलने वाले सचल दलों की हिम्मत या जुर्रत होगी कि वे सपा सरकार समर्थक स्कूलों में बिना पूर्व सूचना दिए घुस पायेगे? जिले के बड़े शिक्षा माफिया बड़े ही स्वम्भू उपाधि वाले है| उनमे से कुछ को जिले के सबसे बड़े शिक्षाविद की उपाधि भी दी जाती रही है|
तो वर्ष 2015 की बोर्ड परीक्षा में चुनौती जिला विद्यालय निरीक्षक के लिए नहीं, डीएम के लिए होगी| समाजवादी पेंशन योजना में पात्रो का अधिक से अधिक चयन कराने में कामयाब होने के बाद परीक्षा नक़ल विहीन करा देना बड़ी उपलब्धि के रूप में गिनी जाएगी|
कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को आयोजित बोर्ड परीक्षा की तैयारी बैठक में नकल के खिलाफ जिलाधिकारी के कड़े तेवरों से केंद्र व्यवस्थापक सकते में आ गए। डीएम एनकेएस चौहान ने साफ कहा कि नकल रोकने की चुनौती न झेल पाने वाले केंद्र व्यवस्थापक बोर्ड परीक्षा की जिम्मेदारी से स्वत: हट जायें। परीक्षा केंद्र पर नकल पाये जाने पर केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ फौरन मुकदमा कायम होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा है कि हर हाल में नकलविहीन परीक्षा कराई जाये। इसलिए केंद्र निर्धारण में भी सख्ती की गई। प्रधानाचार्य नकल न होने देने के लिये पहले ही शपथपत्र दे चुके हैं। केंद्र व्यवस्थापकों को मजिस्ट्रेट पावर दे दिये गये हैं। शिक्षा माफियाओं व नकल के ठेकेदारों को बता दिया जाये कि जिले में नकल नहीं होगी। प्रधानाचार्य पद की जिम्मेदारी ली है तो नकल रोकने की चुनौती लेनी ही पड़ेगी। प्रश्नपत्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। किसी हालत में प्रश्नपत्रों का लीकेज नहीं होना चाहिये। उपजिलाधिकारियों को जोनल मजिस्ट्रेट नहीं बनाया गया है। वह अपने क्षेत्र के सभी केंद्रों की निगरानी रखेंगे। परियोजना निदेशक डा.डीआर विश्वकर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष मोहम्मदाबाद के कुछ केंद्रों पर शिक्षक ही नकल कराते मिले थे। जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत प्रसाद पटेल ने कहा कि गत वर्ष के गड़बड़ी वाले 19 परीक्षा केंद्रों को इस बार केंद्र नहीं बनाया गया है।
दो सौ मीटर दूर चेतावनी रेखा
जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में परीक्षा केंद्र से 200 मीटर दूरी पर चूने से चेतावनी रेखा खींची जाये। शहर में भी केंद्र के बाहर चूना डाला जाये। इसके अंदर परीक्षा कार्य से जुड़े लोगों व परीक्षार्थियों के अलावा किसी को भी प्रवेश न करने दिया जाये। जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट दो दिन में संबंधित परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के संबंध में रिपोर्ट देंगे।
बदलते रहेंगे सचल दल के सदस्य
नकलचियों की धरपकड़ व्यवस्था को कारगर बनाने के लिये परीक्षा केंद्रों पर छापा मारने वाले सचल दलों के वाहन बदलते रहेंगे। वाहन पर सचलदल का बोर्ड नहीं लगेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सचल दल के सदस्यों को भी बदला जायेगा। रवाना होने से पूर्व सचल दल का रूटचार्ट गोपनीय रहेगा। गंगापार क्षेत्र के संवेदनशील परीक्षा केंद्र जनता इंटर कालेज खंडौली व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भरखा पर न्यायिक तहसीलदार को स्टेटिक सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया।
पुलिस के मोबाइल दस्तों का होगा गठन
पुलिस अधीक्षक विजय यादव ने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर फोर्स की तैनाती के साथ ही भ्रमणशील मोबाइल दस्तों का गठन किया जायेगा। किसी भी घटना के समय केंद्र व्यवस्थापक तत्काल अधिकारियों को मोबाइल पर जानकारी दें।