फर्रुखाबाद: जिले की शिक्षा गुणवत्ता दुरुस्त कराने के लिए शासन से एबीआरसी की नियुक्ति की थी| लेकिन अभी तक शासन की मंशा के अनुरूप कार्य नही किये गए है| जनपद के अधिकतर एबीआरसी व्लाक स्तर पर ही रहकर अपनी नौकरी को अंजाम देते है| लेकिन विधालयो में शैक्षिक सहायता प्राप्त नही करा रहे है| लेकिन इसके बाद भी विभागीय अधिकारी आँख बंद कर बैठे है| इससे बच्चो की शैक्षिक गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है|
जनपद में व्लाक स्तर पर पांच-पांच एबीआरसी की तैनाती की गयी थी| जिनका अंग्रेजी, हिंदी, सामजिक अध्यन, विज्ञानं व गणित विषयो के लिए शिक्षक नियुक्त किये गए थे| जिन्हे एक माह में तकरीबन बीस विधालयो में पंहुच कर शैक्षिक सहायता देने की जिम्मेदारी दी गयी थी| लेकिन शासन की मंशा को तक पर रख दिया गया| जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह चौहान ने बेसिक शिक्षा कार्यलय में इसमे सुधार के लिए बैठक भी बुलाई थी| जिसमें सख्त लहजे में हिदायत दी गयी थी की एबीआरसी अपने को अधिकारी मत समझे वह विधालय जाकर शैक्षिक सहायता दे|
लेकिन तेजतर्रार जिलाधिकारी के फरमान को भी तक पर रख दिया गया है| जनपद के अधिकतर एबीआरसी बीआरसी मुख्यालयों पर जमे रहते है और अधिारियो व अपनी जेबे गर्म करने के लिए धन उगाही का खेल खेलते है| बड़ा सबाल यह है की क्या यही सरकार की आदेशो व फरमान का असर है?