बीएसपी सरकार के मंत्री को हाई कोर्ट का नोटिस

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लखनऊ : हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार के राज्य मंत्री संग्राम सिंह को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह बाराबंकी के जिला पंचायत चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना सुनिश्चित करे।

गौरतलब है कि यूपी सरकार में मंत्री संग्राम सिंह की रिश्तेदार शीला सिंह बाराबंकी से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में खड़ी हैं। विरोधी पक्ष की उम्मीदवार मीना सिंह ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि जिले के डीएम और एसपी उस पर बीएसपी उम्मीदवार के समर्थन में चुनाव से नाम वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं। हाई कोर्ट ने आरोपी डीएम और एसपी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की है।

न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह और न्यायमूर्ति अरुण टंडन की खंडपीठ ने निर्देश किया कि अगर बाराबंकी से जिला पंचायत अध्यक्ष पद की उम्मीदवार मीना सिंह को यह संदेह है कि राज्य पुलिस के जवान उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह नहीं निभा पाएंगे तो वह केंद्रीय सुरक्षा बलों की मांग कर सकती हैं, जिसे केंद्र सरकार को उन्हें मुहैया कराना होगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मीना सिंह उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री संग्राम सिंह की रिश्तेदार शीला सिंह के मुकाबले खड़ी हैं।
मीना सिंह के वकील एस. के. सिंह ने आरोप लगाया कि जिले के डीएम और एसपी शीला सिंह के समर्थन में उनकी मुवक्किल पर चुनाव से नाम वापस लेने का आरोप लगा रहे हैं। राज्य सरकार के दो टॉप अफसर अवैध रूप से मंत्री की रिश्तेदार का पक्ष ले रहे हैं।

हाई कोर्ट ने कहा कि अगर जिले के डीएम और एसपी पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई है कि वह बीएसपी उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं और विरोधी कैंडिडेट पर चुनाव से नाम वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं तो यह मामला और गंभीर हो जाता है। कोर्ट ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार को यह निर्देश दिया कि चुनाव में वोट डालते समय किसी भी व्यक्ति कोे हेल्पर लेने के लिए मजबूर न करें। उसी व्यक्ति को हेल्पर दिया जाएगा, जो विकलांग हो, अशिक्षित हो या वोट डालने की स्थिति में न हो।