लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जहरीली शराब कांड और गंगातट पर 100 से ज्यादा लाशें मिलने के मामले की सीबीआइ जांच की मांग की। साथ ही उत्तर प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था का हवाला देकर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग दोहराई।
आज अपने 59वें जन्मदिन पर पत्रकारों के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार को जमकर कोसा। लोकसभा चुनाव में हार के पीछे यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उसकी नाकामियों का फायदा भाजपा ने उठाया। पार्टी के दलित वोट बैंक के खिसकने पर उन्होंने सफाई दी और कहा कि वास्तव में बसपा का वोट बैंक बढ़ा है। विश्व बाजार में पेट्रोल-डीजल की घटती कीमतों का फायदा देशवासियों को देने के बजाय एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की आलोचना की और धनवानों को अधिक धनवान बनाने के लिए छूट देने का विरोध किया।
ड्रामेबाजी से दलितों का भला नहीं
बसपा प्रमुख ने कहा कि राहुल गांधी की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दलितों के घर खिचड़ी, दही-चूड़ा व खाना खाने की ड्रामेबाजी करने से दलित वर्ग प्रभावित होने वाला नहीं है। इसके लिए उन्हें दलितों के हित में ठोस कदम उठाने के साथ ही पक्षपात वाला रवैया छोडऩा होगा। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार लंदन के किंग हेनरी रोड स्थित बंगले को खरीद कर उसे स्मारक घोषित करे। 1920-21 में अंबेडकर ने वहीं रहकर उच्च शिक्षा हासिल की थी। उन्होंने दिल्ली के 26 अलीपुर रोड स्थित उस मकान को भी राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की जहां अंबेडकर ने अंतिम सांस ली।
दिल्ली चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा
मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव को अकेले लडऩे की घोषणा की है। सभी 70 सीटों पर पार्टी प्रत्याशी उतारेगी। मायावती ने कहा कि इस बार उनकी पार्टी अच्छा रिजल्ट देगी। निजी क्षेत्र में आरक्षण न होने का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि यदि दिल्ली में भी भाजपा की सरकार बनती है तो दलितों व पिछड़े वर्गों को आरक्षण का बड़ा नुकसान होगा क्योंकि आम आदमी पार्टी तो आरक्षण के ही पक्ष में नहीं है जबकि कांग्र्रेस का ढुलमुल रवैया है।
राज्य की कानून-व्यवस्था खराब
अलीगढ़ के अतरौली विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी धर्मेन्द्र चौधरी की हत्या का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि राज्य की खराब कानून-व्यवस्था का सबसे ज्यादा शिकार बसपा नेता व कार्यकर्ता हो रहे हैं। अब प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना आवश्यक हो गया है।