लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बनी शराब से उन्नाव और लखनऊ में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है। मौत का सिलसिला अभी जारी है। मरने वालों में लखनऊ 27 और उन्नाव के 12 लोग हैं। इस बीच जहरीली शराब मामले में बंथरा थाने में मुख्य आरोपी जगनू व उसके साथियों के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक और नामजद आरोपी जगदीश उर्फ गटरू को गिरफ्तार किया है। हालांकि अब तक जगनू की पत्नी सहित अन्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं हो सकी है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को जहरीली शराब ने कोहराम मचा दिया था। लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र में रविवार को कच्ची शराब पीने के बाद ग्रामीणों की तबीयत बिगडऩा शुरू हो गई थी। सोमवार रात से ही मौतों का सिलसिला शुरू हो गया जो अब तक जारी है। सवा सौ से अधिक बीमार अस्पतालों में उपचार करा रहे हैं। इनमें कुछ की हालत नाजुक है।
वाराणसी के संयुक्त आयुक्त को जांच
आबकारी मुख्यालय इलाहाबाद की ओर से लखनऊ और उन्नाव में शराब विषाक्तता कांड की जांच के लिए वाराणसी के संयुक्त आबकारी आयुक्त योगेश राय को जांच अधिकारी बनाया गया है। प्रभारी संयुक्त आबकारी आयुक्त ईआइबी आरएल जैन ने बताया कि अवैध और कच्ची शराब के लिए सभी जिलों में छापेमारी की जा रही है। आयुक्त के निर्देश पर जांच अधिकारी की नियुक्ति मुख्यालय से की गई है।
अधिकारियों पर निलंबन की गाज
जहरीली शराब से मौतों पर आबकारी विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिरी है। सोमवार को सहायक आबकारी आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारी लखनऊ समेत 10 अधिकारियों-कर्मचारियों के निलंबन के बाद बीती रात दो और वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। प्रमुख सचिव आबकारी केएस अटोरिया ने बताया कि लखनऊ जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त राम सागर तिवारी और उन्नाव के जिला आबकारी अधिकारी अवधेश कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। तिवारी और वर्मा को आबकारी आयुक्त इलाहाबाद से सम्बद्ध किया गया है। इन पर पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने तथा अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण न रखने के लिए दोषी पाये जाने का आरोप है।