पहले महीने मुफ्त सिलिंडर के साथ शगुन में 121 रुपये भी

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lpg-cylinder_20141029_15475_29_10_2014डेस्क: डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर एलपीजी (डीबीटीएल) योजना का शुरुआती गणित बड़ा फायदेमंद है। योजना में शामिल होते ही पहली बुकिंग पर आपके बैंक खाते में 568 रुपये आ रहे हैं और सिलिंडर घर आते ही फिर खाते में 378 रुपये सब्सिडी के रूप में मिल रहे हैं।

इस तरह आपको मिल रहे हैं कुल 946 रुपये और वह भी सिलिंडर के साथ और जेब से देने पड़ रहे हैं 825 रुपये। यानी आपके दोनों हाथों में लड्डू है, एक हाथ में बिना कुछ लगाए सिलिंडर और दूसरे में 121 रुपये। वैसे सरकार ने यह योजना आपके पैसे से ही आपको लुभाने की बनाई है।

तो पहले महीने मुफ्त सिलिंडर :

योजना के हिसाब से तो पहले महीने रसोई गैस सिलिंडर के लिए आपको एक रुपया भी खर्च नहीं करना पड़ रहा है, ऊपर से 121 रुपये की प्राप्ति हो रही है। लेकिन, सरकार के इस गणित के पीछे क्या है, इसे भी जानना जरूरी है। वास्तव में पहली बुकिंग के समय आपके खाते में आया 568 रुपया आपका ही है। याद करें कि गैस का कनेक्शन लेते समय आपने सिक्योरिटी मनी जमा की थी, सरकार उसी राशि से यह पैसा आपको दे रही है।

दुविधा को लेकर निकला फार्मूला :

तेल कंपनियों का मानना है कि पहली बार जब आप डीबीटीएल योजना में शामिल होते हैं तो आपके दिमाग में सवाल कौंधता है कि पहले तो सिलिंडर का बाजार मूल्य भुगतान करना होगा और सब्सिडी बाद में खाते में आएगी। तेल कंपनियों ने आपकी इस दुविधा को भांपते हुए यह फार्मूला निकाल लिया। अब जिसके खाते में पहली बुकिंग पर पैसे जा रहे हैं, वह मुफ्त में इसका प्रचार कर दूसरे को योजना में जल्दी से जल्दी शामिल होने को प्रेरित कर रहा है।

योजना में पेंच भी :

तेल कंपनियों के अनुसार योजना में शामिल होने पर मिलने वाले 568 रुपये का हिसाब तब होगा जब आप एक जिले से दूसरे जिले में अपना कनेक्शन ट्रांसफर कराएंगे, उस समय यह राशि आपकी सिक्योरिटी मनी से कट जाएगी। लेकिन जब आप उस जिले में स्थानांतरण के बाद गैस एजेंसी से जुड़ेंगे तो पुन: यह राशि आपको मिल जाएगी। इस राशि की वजह से डीबीटीएल योजना में पेंच भी फंस रहा है।

कम सिक्योरिटी वालों को लाभ नहीं :

बिहार एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के महासचिव डॉ. रामनरेश सिन्हा का कहना है कि इस समय दो सिलिंडर और रेगुलेटर के लिए सिक्योरिटी मनी के रूप में ग्राहक को 3050 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे ग्राहकों को तो पहली बार बुकिंग कराने पर 568 रुपया देने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है, लेकिन जिन ग्राहकों ने 1980 के दशक में कनेक्शन लिए थे, उनसे मात्र 500 रुपये सिक्योरिटी मनी ली गई थी, ऐसे में उन्हें 568 रुपया नहीं मिल रहा है। ग्राहक परेशान हो रहे हैं। वैसे तेल कंपनियां इस समस्या से निजात के लिए माथापच्ची कर रही हैं।