मेलारामनगरिया:गंगाजल की जगह मिलेगा नाले का पानी!

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gangaa 236फर्रुखाबाद:जनपद का ऐतिहासिक रामनगरिया मेले का जनवरी माह में भव्य उद्घाटन होने जा रहा है| लेकिन इस बार भी लोगो को गंगा जल आचमन के लिए नही मिलेगा| पूर्व की भांति इस वर्ष भी भागीरथी में दर्जनो नाले गंदगी फैला रहे है| लेकिन प्रशासनं व सरकार ने इनको बंद करने की कोई कोशिश तक नही है| नतीजन गंगा का पानी जहरीला होता जा रहा है| इस बार तो गंगा के पानी में लाल पन देखने को मिल रहा है| जो गंभीर बीमारी को जन्म देगा | गंगा जल के लाल होने का सिलसिला थम नहीं रहा है।

आज गंगा के किनारो पर गंगा जल फिर लाल रंग का दिखाई दिया ऐसा होने की वजह नालों और छपाई कारखानो का पानी का सीधे गंगा में मिलना बताया जा रहा है।मेले के लिए लोगो ने झोपडी डालना शुरू कर दिया है| बैसे तो जनपद में घुसते ही नालो का गंगा में गिरना शुरू हो जाता है| लेकिन शहर के किनारे जैसे जैसे गंगा नदी गुजरती है वैसे वैसे वह मैली होती जाती है| केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद लोगो ने यह सोचा की अब गंगा गन्दी नही होगी| मिडिया में भी इसका खूब प्रचार किया| लेकिन मामला कुछ ही दिन चला| गंगा गन्दी की गन्दी ही रही|

जनपद में गंगा के किनारे आने बाले चार जनवरी को भव्य उद्घाटन होगा| सैकड़ो की संख्या में लोग , साधु, संत आकर अपना डेरा जमाएंगे| गंगा अपने को प्रदूषण से बचाने के लिए सभी की तरफ माँ की हैसियत से देखती रहेगी| लेकिन कोई इस संबध में आवाज उठाने वाला नही| गंगा प्रदूषण को लेकर प्रतिदिन अधिकारियो को ज्ञापन देकर फोटो खिचाने वाले नेता व समाजिक संगठन चुप है| मौके पर कोई कुछ बोलने वाला नही दिखाई दे रहा|

ऐसी का नतीजा है की गंगा जल में प्रदूषण करने वाले कारखाने के मालिक व प्रशासन चुप है| लोग गंदगी करने में जरा सा गुरेज गंगा को गंदा करने में नही करते| जनपद के एक वरिष्ठ भाजपा नेता से जब कहा गया की रामनगरिया निकट है और नाले अभी भी गिर रहे है तो क्या आचमन नाले के पानी में करना होगा| जिस उन्होंने कह दिया की यह कोई नही बात नही कितनी बार प्रयास किया जा चूका है|

अब उनसे कहा की प्रीस किया ही कब केबल मिडिया को बुलाकर फोटो सेशन ही तो कराया अगर प्रयास ठीक ठाक किया होता तो क्या गंगा गंदी रहती| जिस पर नेता जी बगले झांकने लगे| फिलहाल गंगा गंदी है और लगता है की ऐसी तरह गंगा में कैमिकल जहर बनकर घुलता रहेगा|