फर्रुखाबाद:(कमालगंज) सर्दी कुछ कर गुजरने पर उतारू है| गरीब सड़क पर ठिठुर रहा है| जनपद में रैनबसेरे के नाम से एक कोठरी भी नही है| इसके बाद भी सरकार बात करने पर वजट ना होने की बात करती है| लेकिन सैफई मोहत्सव में सरकार करोङो पानी की तरह बढ़ा रही है| अब क्या यह सबाल नही उठता की सरकार गरीबो के प्रति कितनी उदासीन है यह कोई नही जानता| गरीबी के नाम पर शायद सरकार कुछ भी करना नही चाहती| जिसका जीता जगता उदाहरण है कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बन रहे रैन बसेरे का जो पुतला बना खड़ा है| ना उसमे अभी खड़की लग पायी और ना ही दरवाजे है| जिससे गरीबो को सर्दी में सर छुपाने के लिए कोई सहारा नजर नही आ रहा|
आज से तीन महीने पूर्व जब स्वास्थ्य केंद्र कमालगंज में आवास विकास के माध्यम से रैनबसेरा बनना शुरू हुआ तो लोगो गरीबो ने राहत की साँस ली| कुछ दिन काम चला छत तक मामला पंहुचने के बाद बीते तीन माह से निर्माण कार्य बंद है| अब तक कुल दस लाख रूपये की लागत लग चुकी है| कुल बीस लाख की लागत से उसका निर्माण होना है| लेकिन सरकार ने अभी तक वजट नही मंजूर किया है| जिससे वह अधर में लटक रहा है|
एक तो इस रैन बसेरे से स्वास्थ्य केंद्र में रुकने वाले मरीजों के तीमारदार खुले में रात गुजरते है| स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक मानसिंह वर्मा ने बताया की तीमारदार सर्दी में ठिठुरते रहते है| उन्हें रात गुजरने की जगह नही मिलती| विभाग को जल्द ऐसे पूर्ण कराना चाहिए|
आवास विकास परिषद के एक्सियन महेंद्र सिंह ने बताया की रैन बसेरा बनाने के लिए बीस लाख का वजट मंजूर हुआ था| जिसमे से दस लाख पहले ही मिल गए थे| जिसमे कार्य कराया गया| अब धनराशि समाप्त हो गयी है| और दस लाख का वजट सरकार से मांगने के लिए लिखा गया है| मार्च तक वजट मिलने की उम्मीद है| वजट मिलने ही कार्य शुरू करदिया जायेगा|