बाबरी के मुद्दई फारूख ने 108 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

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m-farookhलखनऊ: बाबरी ढांचे के सात मुद्दई में से एक मोहम्मद फारूख अहमद का फैजाबाद के बाबूबाजार स्थित आवास पर बीती रात निधन हो गया। वे 108 साल के थे। उन्हें बाबरी की पैरोकारी पिता जहूर अहमद से विरासत में प्राप्त हुई थी। जहूर अहमद का निधन 1970 में ही हो गया और उसी के बाद से फारूख बाबरी की पैरोकारी कर रहे थे।

उन्हें फैजाबाद के टेढ़ीबाजार स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस मौके पर उनके पुत्र मो. उमर, सलीम एवं कलीम मौजूद रहे। हालांकि उनके कुल पांच पुत्र हैं पर असहमतियों के चलते, इनमें से दो पिता के अंतिम संस्कार में शरीक नहीं हुए। सुरमा के स्थानीय कारोबारी के तौर पर फारूख रामनगरी के जाने-पहचाने नाम रहे।

बढ़ती उम्र के चलते गत कुछ वर्षों से वे निष्क्रिय हो चले थे और उनकी जगह उनके पुत्र मो. उमर बाबरी मस्जिद के मामले में उनका प्रतिनिधित्व करते थे। उमर ने बताया कि मंदिर-मस्जिद विवाद का बेहतर हल सुलह से ही संभव है पर इसमें दोनों पक्षों के सम्मान का ध्यान रखना होगा।