लखनऊ: समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता तथा उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां ने आज लखनऊ में मीडिया को जमकर लताड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर देश का मुंह काला कर दिया है। उन्होंने मीडिया को देश से माफी मांगने को कहा है।
लखनऊ के शक्तिनगर क्षेत्र में एक नलकूप के लोकापर्ण कार्यक्रम में आजम ने कहा कि मीडिया के कारण देश को बहुत घाटा पहुंचेगा। मीडिया ने अनर्थ किया है। टीआरपी बढ़ाने के लिए मीडिया महीनों तक मुजफ्फनगर दंगे लाशें दिखाता रहा। मीडिया का तो यह हाल है कि खुद जांच करेंगे, रिपोर्ट लिखेंगे और फैसला भी खुाद ही करेंगे। मीडिया को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। मुजफ्फरनगर दंगे पर आजम ने कहा कि मीडिया ने जलते हुए घर एवं बलात्कारियों को नहीं दिखाया, क्योंकि इसमें उनकी टीआरपी नहीं बढ़नी थी। मीडिया में यह बड़ी गलतफहमी है कि सरकारें पलट देते हैं। मीडिया ने सरकार बनाना व खत्म करना शुरू कर दिया है। वह जो चाहें करें या लिखें।
आजम ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन कार्यक्रम के रामपुर में आयोजन के खर्च पर तालिबानी रुपये लगे होने के विवादित बयान पर सफाई भी दी। उन्होंने कहा लगातार 20 दिनों से मीडिया ने तंग कर दिया था। इस कारण ऐसा करारा जवाब देना ही पड़ा।
आजम केंद्र सरकार पर निशाना साधने से नहीं चुके और कहा कि विकास के नाम पर देश ने फैसला लिया। विदेशों में बातें हो रही हैं, लेकिन देश में नहीं। नौजवान बेरोजगार हैं और किसी के लिए भी सरहद पर कोई जगह नहीं है।
हम उतने बुरे नहीं हैं
अपने संबोधन के दौरान आजम खुद के बारे में बोलने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि लोग मुझे जितना बुरा समझते हैं, हम उतने बुरे नहीं हैं। पाखंडी नहीं हैं, झूठ नहीं बोलते। हराम का एक पैसा मेरे शरीर में नहीं है। देश को लूटने वाले, काले धन जमा करने वाले अगर देशभक्त हैं तो मैं ऐसे लोगों को सैल्यूट करता हूं। आजम ने कहा कि नेता जी ने एक आदमी के कहने पर मुझे पार्टी से निष्कासित कर दिया था, फिर भी मैं कहीं नहीं गया। मेरे लिए कई रास्ते खुले हुए थे, लेकिन यह विचारों का संबंध था।
उमा भारती पर साधा निशाना
आजम खा ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इलाहाबाद में बन रहे एक पुल का विरोध कर रही हैं। उमा नहीं चाहती कि यह कार्य प्रदेश सरकार के हाथों किया जाए।
राज्यपाल पर साधा निशाना
आजम खा ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग चाहे राज्यपाल हों या राष्ट्रपति उनको अपनी सीमा में रहना चाहिए। उनकी सीमाएं होती है। बेहतर होता राज्यपाल राम नाईक अयोध्या के राम मंदिर मामले में अपने वकार के ऐतबार से बात करते। उन्होंने कहा कि राज्यपाल राम नाईक को सूबे की कानून-व्यवस्था तथा विकास के बारे में बोलना चाहिए। महामहिम की जिम्मेदारी सरकार से ज्यादा है।