गैस सबसिडी: आधार नहीं, बैंक खाता जरूरी

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aadhar-subsidi_15_12_2014नई दिल्ली: सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि रसोई गैस सबसिडी प्राप्त करने के लिए आधार नंबर जरूरी नहीं है। सीधे बैंक खाते में सबसिडी जमा कराने की योजना के तहत उपभोक्ता अपना बैंक खाता बगैर आधार नंबर के इससे लिंक करा सकते हैं। 1 जनवरी 2015 से पूरे देश में इस योजना का विस्तार किया जा रहा है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि इस स्कीम से जुड़ने वाले उपभोक्ता को सभी घरेलू एलपीजी सिलेंडर (सबसिडी वाले या बगैर सबसिडी वाले) सिलेंडर बाजार दर से ही मिलेंगे और प्रत्येक सिलेंडर पर मिलने वाली सबसिडी उसके बैंक खाते में जमा होगी। प्रश्नकाल में प्रधान ने स्पष्ट किया कि योजना से जुड़ने वाले प्रत्येक उपभोक्ता के खाते में सबसिडी की पहली किश्त एडवांस जमा होगी। इससे उपभोक्ता को पहली बार में बाजार दर पर सिलेंडर खरीदने में सहूलियत होगी।

इसके बाद पहले सिलेंडर सहित प्रत्येक सिलेंडर पर सबसिडी अलग से दी जाएगी। सबसिडी प्राप्त करने के दो विकल्प1. जिन उपभोक्ताओं के पास आधार नंबर हैं, उन्हें अपना बैंक खाता नंबर और एलपीजी उपभोक्ता नंबर लिंक कराना होगा। 2. जिनके पास आधार नंबर नहीं है, वे अपने बैंक खाते में सीधे सबसिडी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आधार नंबर की जरूरत नहीं होगी। ऐसा क्यों किया? सरकार का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे रसोई गैस उपभोक्ता हैं, जिनके आधार कार्ड नहीं बने हैं।

उन्हें सबसिडी से वंचित नहीं रखने के लिए बगैर आधार नंबर के सबसिडी देने के लिए योजना में संशोधन किया गया है। तीन माह ग्रेस पीरियडपेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि जिन जिलों में योजना लागू की जा रही है, वहां के उपभोक्ताओं को योजना से जुड़ने के लिए तीन माह का वक्त (ग्रेस पीरियड) दिया जाएगा। यानी जनवरी से मार्च तक उन्हें पुराने तरीके से ही सबसिडी वाले सिलेंडर दिए जाएंगे। तीन माह पार्किंग पीरियडतीन माह के ग्रेस पीरियड में भी योजना से नहीं जुड़ने वालों के लिए तीन माह का पार्किंग पीरियड रहेगा।

इसमें सबसिडी की राशि पार्क (रोकना) की जाएगी और जब वह योजना से जुड़ेंगे तो तीन माह की इकठ्ठी राशि उनके बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी। यदि पार्किंग पीरियड में उपभोक्ता योजना से नहीं जुड़ा तो रोकी गई राशि डूब जाएगी। इसके बाद जब तक उपभोक्ता योजना से नहीं जुड़ेगा, उसे बाजार दर से ही सिलेंडर खरीदना होगा। फिर जब भी वह योजना से जुड़ेगा उसके बाद से ही उसे पात्रतानुसार सबसिडी मिलेगी।

10 करोड़ आधार कार्ड बैंक खातों से जुड़े

भारतीय पहचान पत्र प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को कहा कि 10 करोड़ आधार संख्याओं को बैंक खातों से जोड़ा जा चुका है। डिजिटल इंडिया मिशन का यह एक कीर्तिमान है। ये खाताधारक सरकारी योजनाओं के तहत सबसिडी एवं अन्य लाभ उठा सकेंगे।