आगरा:आगरा में बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन धर्म जागरण समन्वय विभाग ने सोमवार को संयुक्त रूप से आयोजित धर्म परिवर्तन के कार्यक्रम में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का आरोप है कि लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया था।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में करीब 57 मुस्लिम परिवार के 200 से ज्यादा सदस्यों को फिर से हिंदू बनाया। इस कार्यक्रम को नाम दिया गया था ‘पुरखों की घर वापसी’। इस कार्यक्रम में उन मुस्लिम परिवारों को शामिल किया गया था, जो पहले हिंदू थे और बाद में धर्म परिर्वतन कर मुस्लिम बन गए थे।
पहले मुस्लिम धर्म अपनाने और बाद में हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले इन परिवारों ने कहा कि उन्हें राशन कार्ड बनवाने, गैस का कनेक्शन दिलाने, अच्छी शिक्षा का वादा करके धर्म बदलने के लिए कहा गया था। जबकि पहले इन्हीं परिवारों ने कहा था कि धर्म से उनका पेट नहीं भरता। लिहाजा अच्छे जीवन के लिए वे पुन: हिंदू धर्म अपनाना चाहते हैं।
सोमवार को हुआ था कार्यक्रम
आरएसएस के क्षेत्रीय प्रमुख राजेश्वर सिंह ने बताया कि शहर के मधुनगर क्षेत्र में एक सामूहिक कार्यक्रम में 200 से ज्यादा मुस्लिमों को हिंदुत्व में वापस लाया गया। आयोजकों के अनुसार, धर्म परिवर्तन करने वालों को नया नाम जल्द ही दिया जाएगा।
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में सिंह ने दावा किया कि क्रिसमस के मौके पर अलीगढ़ में 5,000 से ज्यादा मुस्लिमों व ईसाइयों को वापस हिंदू बनाया जाएगा। यह सामूहिक कार्यक्रम अलीगढ़ के माहेश्वरी कॉलेज में आयोजित किया जाएगा। यदि किसी में हिम्मत है तो इसे रोक कर दिखाए।
मंत्रों के बीच हुआ था धर्म परिवर्तन
मधुनगर की झुग्गी बस्ती में कच्चे मकानों पर लहराते भगवा झंडे और पंडितों द्वारा मंत्रों के जाप के बीच 57 मुस्लिम परिवारों के 200 से ज्यादा सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी के लिए देवी-देवताओं के पैर धोए। सभी के माथे पर लंबा तिलक लगाया गया और खाने के लिए विशेष प्रसाद दिया गया।
इसके बाद बजरंग दल व संघ कार्यकर्ताओं ने सभी को पूरे दिन जाप करने के लिए एक मंत्र भी दिया। इसके साथ ही धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों की सूची बनाई गई ताकि नए हिंदू नामों के साथ उन सभी के वोटिंग आईडी व आधार कार्ड तैयार करवाए जा सकें।
धर्म परिवर्तन करने वालों में से एक ने बताया कि संघ के लोगों उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उन्हें अच्छा जीवन व्यतीत करने, बेहतर खाना व बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए पूरी व्यवस्था व मदद करेंगे। इसके साथ ही उसका कहना था कि धर्म परिवर्तन करने का उन्हें कोई मलाल नहीं है क्योंकि धर्म उन्हें खाने के लिए नहीं देता।