चंडीगढ़:हरियाणा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बने संत रामपाल के खिलाफ पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने नया गैर जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने शुक्रवार तक उन्हें पेश करने और राज्य के डीजीपी और गृह सचिव को भी इस दिन कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया।
खर्च का ब्योरा मांगा
कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद भी हरियाणा सरकार रामपाल को सोमवार को कोर्ट में पेश करने में विफल रही।मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और केन्द्र सरकार को रामपाल की गिरफ्तारी के लिए किए गए सुरक्षा प्रबंधों पर हुए खर्च का ब्योरा पेश करने को भी कहा। इसके पूर्व सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए कई कदम उठा रही है।उन्हें हर कदम सावधानी से उठाना पड़ेगा, क्योंकि हिसार में रामपाल के आश्रम के बाहर महिलाओं व बच्चों का भारी जमावड़ा है।
अज्ञात स्थान पर ले गए
रामपाल द्वारा संचालित सतलोक आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा, “63 वर्षीय रामपाल को उपचार के लिए अज्ञात स्थान पर एक अस्पताल ले गए हैं।” उन्होंने स्थान का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने रामपाल के स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र को कोर्ट में पेश करने की बात कही।
कपूर ने कहा, “हमें रामपाल को उपचार देने में दिक्कतें हो रही है, क्योंकि प्रशासन ने आश्रम में दवा सहित सभी प्रकार की आपूर्तियों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसलिए उन्हें अज्ञात स्थान पर एक अस्पताल में शिफ्ट करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।”
यात्रा नहीं कर सकते रामपाल
न्यायाधीश एम जयपॉल और दर्शन सिंह की पीठ के समक्ष रामपाल के वकील एसके गर्ग ने दलील दी कि वे अस्वस्थ्य हैं और बरवाला स्थित आश्रम से कोर्ट तक की यात्रा भी नहीं कर सकते हैं। हम कोर्ट में पेश होने से बच नहीं रहे हैं। वे पहले भी कोर्ट में पेश हुए हैं। हमें कुछ समय चाहिए, वे ठीक होते ही कोर्ट में पेश हो जाएंगे।
अभी भी डटे हैं समर्थक
रामपाल के हजारों समर्थक अभी भी आश्रम में डटे हुए हैं। अर्द्ध सैनिक बल और हरियाणा पुलिस के हजारों जवान तैनात हैं।
आश्रम खाली करने का निर्देश
जानकारी के अनुसार पुलिस जवान भी आश्रम के काफी करीब पहुंच गए हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने रामपाल समर्थकों को आश्रम खाली करने के आदेश दिए हैं। समर्थकों की आवाजाही के लिए प्रशासन ने बस सुविधा का इंतजाम किया है। पुलिस पहले ही हिसार-चंडीगढ़ हाईवे सील कर चुकी है। प्रशासन ने रामपाल समर्थकों से आग्रह किया है कि वे न्यायिक प्रक्रिया में बाधा न डालें।