ब्रिस्बेन। आतंकवाद और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए दुनिया को महात्मा गांधी से सीख लेने का आग्रह करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि उनके अहिंसा और प्रेम के उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके जीवनकाल में थे।
ब्रिसबेन के रोमा स्ट्रीट पार्कलैंड में गांधीजी की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए मोदी ने कहा-दो अक्टूबर 1869 को एक व्यक्ति ने पोरबंदर में जन्म नहीं लिया था, बल्कि एक युग का जन्म हुआ था। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद और ग्लाबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रही है और ये समस्याएं हमारी चिंताएं बढ़ा रही हैं।
उन्होंने बताया कि जी20 नेताओं ने भी इन मुद्दों पर गहन बातचीत की है। अगर हम गांधीजी के जीवन और उनके उपदेशों पर नजर डालें तो दुनिया आज जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उनका हल मिल जाएगा। गांधीजी का मानना था कि कर्म ही नहीं बल्कि शब्दों में भी हिंसा नहीं होनी चाहिए। अहिंसा गांधीजी के लिए केवल अंग्रेजों से लड़ने का जरिया नहीं था, बल्कि यह उनके लिए आस्था का विषय था।
प्रकृति से प्यार करें
मोदी ने कहा कि महात्मा हमेशा कहा करते थे कि प्रकृति से प्यार करें और उनकी जीवन शैली में भी यह बात झलकती थी। गांधीजी ने कहा था कि प्रकृति हर मनुष्य की जरूरतें पूरी कर सकती है लेकिन इंसान के लालच को पूरा नहीं कर सकती। ग्लोबल वार्मिंग का मूल कारण ही यह है कि इंसान सदियों से प्रकृति का बेतहाशा दोहन कर रहा है।
भारतीयों ने किया स्वागत
इससे पहले मोदी एक कार्यक्रम स्थल पर आए जहां भारतवंशी नागरिकों ने उनका स्वागत किया और ब्रिसबेन के मेयर ने उनका अभिवादन किया। कार्यक्रम के आयोजकों ने कहा कि स्प्रिंगफील्ड में एक पुल का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा।
विपक्षियों पर साधा निशाना
मोदी ने देश के कुछ विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारे देश में कुछ लोग इस बात की चर्चा करते हैं कि मोदी पीएम बनने के बाद बार बार गांधी का नाम लेते हैं। उन्होंने कहा कि मैं जब सीएम था तब भी गांधी की बातें करता था। पीएम मोदी ने दोपहर रोमा स्ट्रीट पार्कलैंड में महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण किया। कायर्क्रम लगभग आधे घंटे चला।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने का सपना 15 साल पहले देखा था। इस दौरान मोदी भाजपा के प्रचारक के रूप में तीन दिवसीय यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे।
यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने इच्छा व्यक्त की थी। 15 साल के अथक प्रयास के बाद आखिरकार भारतीय समुदाय के लोगों ने सारी प्रक्रियाएं पूरी और मोदी का वर्षों पुराना सपना साकार होने जा रहा है।