विवाह पंजीकरण आनलाइन करने का निर्देश

Uncategorized

SHADIलखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव पंजीकरण से फर्जी विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। साथ ही व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव से पूछा है कि क्या निवास प्रमाण पत्र की तरह हिंदू विवाह पंजीकरण निबंधक द्वारा पंजीकृत विवाह को इंटरनेट पर अपलोड नहीं किया जा सकता? कोर्ट ने विवाह पंजीकरण को इंटरनेट पर डालने पर भी विचार करने का निर्देश दिया है। साथ ही उचित सुझाव मांगे हैं। याचिका की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने एटा की निवासी श्रीमती रूबी व अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि याची ने याचिका के साथ विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र दाखिल किया। जब उप निबंधक एटा सदर प्रेम प्रकाश से सत्यापन कराया गया तो उन्होंने बताया कि प्रमाण पत्र उनके द्वारा जारी नहीं किया गया है। वह फर्जी है। याची का कहना है कि उन्होंने 13 अगस्त 14 को शादी का पंजीकरण कराया है। इस पर कोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्रों पर अंकुश लगाने के कदमों की जानकारी मांगी है।

[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]
[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]