विलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही जानलेवा साबित हुई है। शनिवार को सरकारी नसबंदी शिविर में हुए ऑपरेशन के बाद अब तक आठ महिलाओं की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा महिलाओं का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में जारी है। इनमें से 30 महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें प्राइवेट अस्पतालों में रेफर किया गया है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नेमीचंद अस्पताल में 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद इन्हें दवाइयां देकर छुट्टी दे दी गई। घर पहंचते ही महिलाओं को उल्टियां होने लगीं। बताया जा रहा है कि एनिस्थीसिया देने के लिए ऑपरेशन के दौरान विशेषज्ञ मौजूद नहीं थे। इतना ही नहीं स्टरलाइज करने के बाद ऑपरेशन के लिए कुछ समय का गैप देना होता है, जबकि ऐसा नहीं किया गया। माना जा रहा है कि इसी वजह से इंफेक्शन फैला।
गंभीरता देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की, जहां कांग्रेस के नेताओं ने मंत्री का घेराव करने की कोशिश की। कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफा की मांग की है। इसी बीच पोस्टमॉर्टम के लिए टीम गठित कर दी गई है। वहीं, मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मृतक महिलाओं के परिजनों को मुआवजे का ऐलान किया गया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के नसबंदी कैंप में लोग मारे गए हैं। सरकार सख्त कार्रवाई करे ऐसा कैसे हो सकता है? हैरानी की बात है कि ये कैंप राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र में लगाया गया था स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा दें।