कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के साथ दिवाली मानाएंगे पीएम

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नई दिल्ली: हरियाणा और महाराष्ट्र में कमल खिलाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मिशन कश्मीर पर जुट गए हैं| दीपावली पर जीत का जश्न मनाने के बजाय मोदी कश्मीर में सैलाब से उजड़ गए लोगों का दर्द बाँटेंगे| मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का राज्य का चौथा दौरा होगा| प्रधानमंत्री ने कश्मीरी के बाढ़ पीड़ितों के बीच जाने का फैसला कर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं।

जम्मू-कश्मीर में बाढ़ में जिस तरह से मोदी सरकार ने राहत कार्यो में तत्परता दिखाई उसके बाद घाटी में सामाजिक और सियासी माहौल भी बदला है। सरकार और सेना की तत्परता को घाटी में भी सराहा गया है। अब सर्दियों से पहले बेघर कश्मीरियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती छत का जुगाड़ करना है।

राहत कार्यो में जुटी एजेंसियां हर संभव कोशिश कर रही हैं। वहीं जाहिर तौर पर राजनीतिक रूप से भी भाजपा के लिए यह खासा अहम दौरा होगा। मोदी के दौरे की खबर ने सैलाब के मारे लोगों के बीच ‘अच्छे दिनों’ की उम्मीद जगा दी है। जम्मू-कश्मीर में लोगों को भरोसा है कि प्रधानमंत्री की यात्रा सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं होगी। राज्य के लोग इस दौरान अपने लिए पैकेज का ऐलान होने की उम्मीद कर रहे हैं।

उमर ने किया स्वागत

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिवाली के दिन प्रधानमंत्री के आगमन का स्वागत किया है। उन्होंने ऐसे लोगों को फटकार भी लगाई जो कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री दिवाली के बदले ईद पर क्यों नहीं आए? उमर ने कहा कि ईद पर वीआइपी सुरक्षा के चलते यदि नमाज में परेशानी होती तो यही लोग रोना रोते। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री हमारी विशेष पैकेज की मांग को स्वीकार कर लेंगे।

बेचैन हुई कांग्रेस

प्रधानमंत्री की कश्मीर यात्रा से कांग्रेस नेतृत्व खासा परेशान है। पार्टी के बड़े नेताअें ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कश्मीर जाना चाहते हैं। दीवाली के बाद उनका वहां जाने का कार्यक्रम था, लेकिन अब प्रधानमंत्री के जाने के बाद राहुल की योजना की हवा निकल गई है।

हालांकि, राहुल जाएंगे तो, लेकिन मोदी के दांव से उनकी सियासी योजना फुस्स हो गई है। अब तक मोदी की तारीफ कर रहे कांग्रेस प्रवक्ता शशि थरूर ने राज्य में होने वाले चुनाव की पृष्ठभूमि में मोदी के दौरे पर सवाल उठाया है।

महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद झारखंड व जम्मू-कश्मीर मोदी के निशाने पर हैं। जम्मू-कश्मीर में इतिहास बदलने के लिए भाजपा को काफी मेहनत करनी होगी| मोदी के इस दौरे को इसी तैयारी के रूप में देख रहा कांग्रेस नेतृत्व अपनी अगली रणनीति को लेकर असमंजस में है|