फर्रुखाबाद: खुले में शौच जाना कभी कभी कितना दुखदाई हो जाता है, ‘इसका अनुभव नित्यक्रिया के लिए खेतों में जाने वाले लोगों से अच्छा भला और कौन जान सकता है| लेकिन सोचो कभी आपको भी खुले में शंका समाधान के लिए जाना पढ़ जाए और वहीँ पर अचानक पीछे से फुसकार मारता हुआ सांप निकल आए? …अरे चढ़ गई न टट्टी|
स्वच्छ भारत अभियान कार्यशाला के दौरान एमआईसी फतेहगढ़ में बुधवार को सूचना एवं संचार विभाग के कलाकारों ने घरों में शौचालय कि उपयोगिता पर आधारित नुक्कड़ नाटक ‘सांप देखकर चढ़ गई टट्टी’ का प्रस्तुतीकरण किया| ग्रामीण क्षेत्रो में अभी भी बहुत से लोग घरों में शौचालय बनवाने से परहेज करते हैं और जिन घरों में बने भी हैं वह उनका उपयोग ही नहीं करते हैं| लोग शौचालय से आने वाली बदबू और उसकी रोज रोज कि साफ़ सफाई से बचने के लिए भी ऐसा करते हैं| लेकिन खुले में शौच जाना कभी कभी कितना दुखदाई हो जाता है, वह इस नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिखाया गया|
एक गाँव के मुखिया खेत में शौच जाने के इतने आदि थे कि पूरे गाँव में शौचालय ही नहीं बनने देते थे| जो लोग ऐसा करना भी चाहते उनको रोक देते| जिसकी बजह से गाँव के लोगों को अक्सर खुले में ही जाना पड़ता था| सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को होती थी| बीमार लोग भी अक्सर परेशान होते| बरसात और अधिक ठण्ड में तो हर किसी के लिए समस्या थी| इस बात से परेशान गाँव वालों ने मुखिया को सबक सिखाने कि सोच ली| मुखिया अक्सर अँधेरे में दिशा मैदान जाने के आदि थे| अब ग्रामीण खेत रखवाली के बहाने उस खेत में लाठी लेकर खड़े हो जाते जहाँ मुखिया दिशा मैदान के लिए जाता था| ग्रामीण अक्सर उसी अँधेरे का लाभ लेकर यह कहते हुए अच्छा तो तू है जो रोज मेरी फसल ख़राब करता है और मुखिया पर 10-5 लाठियां भांज देते| मुखिया आखिर इससे तंग आया गया| तब उसने गन्ने के खेत को चुना| अब लोगों ने नई तरकीब निकाल ली| लोगों ने गन्ने के खेत में सांप छोड़ने शुरू कर दिए| सांप को देखते ही मुखिया कि टट्टी चढ़ गई और वहां से सर पर पैर रखकर भाग खड़े हुए| इसके बाद मुखिया ने खेत पर शौच जाने से तौबा कर ली| फिर गाँव में सभी के शौचालय बन गए|
यह तो केवल एक नाटक है, ‘लेकिन सोचो जो लोग खुले में शौच जाते हैं उनके साथ ऐसा कोई हादसा हो जाए तो उनपर क्या गुजरेगी| यह सच्चाई भी है| इस तरह कि घटनाए होती रहती हैं| खेत पर शौच के दौरान सांप के काट लेने से कई बार मौत भी हो जाती है| महिलाओं और बेटियों के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म कि घटनाएं होती है| इन सबका एक ही इलाज है घर में शौचालय| स्वच्छ भारत अभियान इसी पृष्ठभूमि में शुरू किया गया कार्यक्रम है|
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