फर्रुखाबाद: जनपद में क्या पूरी यूपी की पुलिस सरकार की फजीयत जिस तरह से करा रही है किसी से छुपा नही है| हत्या, बलात्कार, लूट, जमीनों पर कब्जे, अपहरण रंगदारी बसूलने की घटनाये आम हो गयी है| जबकि सूबे की हुकूमत यह मानने को तैयार नही की प्रदेश में कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है और जनपद में अधिकारी व पार्टी नेताओ के आँखों पर ना जाने क्यों पट्टी बंधी हुई है| जनपद की पुलिस ने तो मानो हांथो में चूड़ी पहन रखी है| बीती रात पुलिस के सामने दबंगो ने बीच सड़क पर जो नंगनाच किया वह किसी से छुपा नही है| तीन चार उप निरीक्षको के सामने कुछ दबंगो ने एक आरोपी को पकड़ कर जमकर पीट दिया| लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी घुमती रही| पुलिस की वर्दी तक फटते-फटते बची!
घटना शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला दरिवा पश्चिम की है| यही के निवासी एक युवक का विवाद मोहल्ले के ही तीन सगे भाईयो से हो गया था| जिसमे पुलिस ने एनसीआर में मामला निपटा दिया| जिसके बाद जब पीड़ित रिपोर्ट दर्ज कराकर वापस जा रहे थे तभी दबंगो ने युवक व् उसके परिजनों को घेर लिया| जिसके बाद सड़क पर जमकर मारपीट हुई सूचना पर पंहुची पुलिस ने मौके से दो को हिरासत में ले लिया| वही पिटाई में घायल एक गुट के लोग अपना इलाज नालामछरट्टा स्थित एक नर्सिंग होम में करा रहा था | तभी दुसरे पक्ष के दो युवको को लेकर पुलिस उसी अस्पताल में पंहुच गयी| जिसके बाद दोनों गुट फिर एक बार आमने सामने हो गये|
पहले से इलाज करा रहे युवक के समर्थको ने दूसरे पक्ष के युवक को पुलिस के हांथो से खीच लिया जिस पर एक तो भाग गया| वही दूसरे विकलांग को जमकर पुलिस के सामने ही पीट दिया गया| घटना के समय दरोगा इन्द्रपाल, दरोगा कौशलेन्द्र सिंह गौतम व अन्य कई दरोगा भारी फ़ोर्स के साथ खड़े थे| पुलिस के सामने दबंग पीटते रहे और पुलिस वालो ने बचाना भी उचित नही समझा| मजे की बात तब हुई जब पुलिस पिट रहे एक युवक को मोटरसाईकिल पर बैठा कर ले जा रही थी तो दबंगो ने मोटरसाईकिल को जमीन पर गिरा दिया जिससे दरोगा चुटहिल होते होते बच गये|
दरोगा कौशलेन्द्र का चश्मा टूट गया व् दरोगा इन्द्रपाल की नेम प्लेट गिर गयी| खाकी को बेबस देख किसी ने भी आगे बढने की जहमत नही उठाई| हद तो तब हो गयी जब दबंग सारी मर्यादा को भूल गये और कबरेज कर रहे मिडिया कर्मियों के कैमरे तोड़ने का भी प्रयास किया गया| इस बात की गवाह तस्वीरे है जो शहर कोतवाली पुलिस की जाबाजी पर सवाल उठाती है| सवाल तो उठेगा ही जब जिले की कानून व्यवस्था किसी खादीधारी के घर गिरमी पड़ी हो!